बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का कार्यकाल इसी साल जनवरी में समाप्‍त हो गया था लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल अगले अध्‍यक्ष की नियुक्ति तक बढ़ा दिया गया. केंद्र में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जेपी नड्डा को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बनाया गया. बीजेपी में एक व्‍यक्ति एक पद की ही परंपरा है. लिहाजा उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि नड्डा की जगह किसी अन्‍य को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाया जाएगा. बीजेपी के विधान के मुताबिक उससे पहले सभी प्रदेशों में संगठन के भीतर चुनाव होगा. उसके बाद ही राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चुना जाएगा. 


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इन सबके मद्देनजर हिंदुस्‍तान टाइम्‍स अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा समेत बीजेपी के वरिष्‍ठ नेताओं के बीच बैठक हुई. कहा जा रहा है कि उसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह,  बीएल संतोष (पार्टी जनरल सेक्रेटरी-संगठन) ने शिरकत की. उसके बाद से फिर इन कयासों को बल मिला है कि बीजेपी जल्‍द ही पूर्णकालिक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष घोषित करने से पहले एक कार्यकारी अध्‍यक्ष की नियुक्ति करेगी. सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया कि बीजेपी के अंदरखाने यह महसूस किया जा रहा है कि अध्‍यक्ष पद की जिम्‍मेदारियों और समय देने की जरूरत को देखते हुए कार्यकारी अध्‍यक्ष का चुनाव जल्‍द से जल्‍द किया जाए. ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि महाराष्‍ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्‍मू एवं कश्‍मीर में जल्‍द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पार्टी चाहती है कि उसके पहले ही एक कार्यकारी अध्‍यक्ष का चुनाव कर लिया जाए ताकि उसी के नेतृत्‍व में चुनावी तैयारियां हों. इसके साथ-साथ उनको राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के दायित्‍वों के रूप में भी पूरी तरह से तैयार किया जा सके.


पहले भी हुआ है ऐसा
गौरतलब है कि इस तरह का प्रयोग पार्टी पहले भी कर चुकी है. जब अमित शाह पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री बने उस वक्‍त वह राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी थे. जेपी नड्डा को पहले कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया गया और उसके कुछ बाद उनको राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बन गया. पार्टी के जानकारों के मुताबिक इस तरह की व्‍यवस्‍था के पीछे का मकसद नए व्‍यक्ति को पूरी तरह से नए रोल के लिए तैयार करना है ताकि पार्टी का कहीं किसी स्‍तर पर कोई काम बाधित नहीं हो और सहज ढंग से पार्टी के कामकाज की जिम्‍मेदारी का नए व्‍यक्ति को हस्‍तांतरण हो सके.  


ये भी कहा जा रहा है कि इस महीने के अंत तक केरल में बीजेपी और आरएसएस के बीच एक समन्‍वय बैठक होने वाली है. यह एक अहम बैठक होती है जिसमें दोनों तरफ से विचार-विनिमय होता है. सूत्रों के मुताबिक उस बैठक के बाद ही नए कार्यकारी अध्‍यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है.