नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के नए मामलों में कमी के साथ ही कोविड-19 के एक नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है और यह पहले से ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. कोरोना वायरस का नया वेरिएंट डेल्टा (Delta) और ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट मिलकर बना है और इसको डेल्टाक्रॉन (Deltacron) नाम दिया गया है. डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बने डेल्टाक्रॉन ने भारत में भी दस्तक दे दी है और कई राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं, जो जांच के दायरे में हैं.


डेल्टा और ओमिक्रॉन का हाइब्रिड वेरिएंट है डेल्टाक्रॉन


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एक्सपर्ट्स की मानें तो ये एक सुपर-म्यूटेंट वायरस है, जिसका वैज्ञानिक नाम BA.1 + B.1.617.2 है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना एक हाइब्रिड स्ट्रेन है, जिसे सबसे पहले साइप्रस के रिसर्चर्स ने पिछले महीने खोजा था. उस समय तो वैज्ञानिकों ने इसे लैब में हुई एक तकनीकी गलती समझा था. लेकिन अब इसके ब्रिटेन में केस सामने आ रहे हैं. डेल्टाक्रॉन (Deltacron) कोरोना वायरस का एक हाइब्रिड वेरिएंट है जो डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बनता है.


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डेल्टाक्रॉन के लक्षण (Deltacron Symptoms) क्या हैं?


- सिरदर्द
- तेज बुखार और बाद में पसीना आना या ठंड लगना
- गले में खरास
- लगातार खांसी
- थकान या बॉडी में एनर्जी की कमी
- सूंघने या स्वाद की क्षमता कम होना


देश के इन राज्यों में आए डेल्टाक्रॉन के मामले!


गौरतलब है कि तेलंगाना टुडे के हवाले से मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कोविड जीनोमिक्स कंसोर्सियम (INSACOG) और GSAID ने इशारा किया है कि देश में 568 मामले जांच के दायरे में हैं. रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में 221 मामलों में डेल्टाक्रॉन (Deltacron) वेरिएंट के संकेत मिले हैं, जो हॉटस्पॉट बन गया है. इसके बाद तमिलनाडु में 90, महाराष्ट्र में 66, गुजरात में 33, पश्चिम बंगाल में 32 और तेलंगाना में 25 और नई दिल्ली में 20 मामले जांच के दायरे में हैं.


कोविड के नए वेरिएंट से बढ़ेगा संक्रमण


वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना नया वायरस कितना खतरनाक है, इसको लेकर कई स्टडी चल रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2022 में फ्रांस में इस वायरस के फैलने की शुरुआत हुई थी और पहला मामला सामने आया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा का रिकॉम्बिनेंट वायरस फैल रहा है. WHO की साइंटिस्ट मारिया वान करखोव ने कहा है कि SARSCov2 के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के मिलकर फैलने की आशंका है. इनका सर्कुलेशन तेजी से हो सकता है.