Roar in Parliament on Ambedkar: बसपा चीफ मायावती ने कहा, 'भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह के इस्तेमाल किए गए शब्दों से बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को गहरी ठेस पहुंची है और एक तरह से उनका अपमान हुआ है.'
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Mayawati Attack Amit Shah: संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के एक हिस्से पर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस और अन्य पार्टियां तो पहले से ही आक्रामक थीं. अब बसपा प्रमुख मायावती ने भी मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने इसे बाबासाहेब का अपमान बताते हुए माफी की मांग की है. साथ ही कहा कि दलित समाज में इसे लेकर काफी गुस्सा है.
अपने बयान में बसपा चीफ मायावती ने कहा, 'भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह के इस्तेमाल किए गए शब्दों से बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को गहरी ठेस पहुंची है और एक तरह से उनका अपमान हुआ है. अब पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है और उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए. वरना, उनके (आंबेडकर) अनुयायी इसे कभी नहीं भूल पाएंगे, ठीक उसी तरह जैसे वे अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के कुकृत्यों को नहीं भूल पाए हैं'.
मायावती ने कांग्रेस पर भी बोला हमला
मायावती ने कांग्रेस पर अतीत में अंबेडकर को उचित सम्मान न देने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा साहब की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी ने वोट की राजनीति के लिए इतिहास के पन्नों से उनका नाम और संविधान निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मिटाने का काम किया.
क्या हैं विपक्ष के आरोप
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में 'भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया. मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , 'अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.'