New Delhi railway station platforms: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आपका अगला विजिट थोड़ा अलग होने वाला है. यहां के कुछ प्लेफॉर्मों का नामकरण किया गया है. कुछ प्लेटफॉर्म का नाम 'बैल कोल्हू' तो कुछ का 'नॉरिश' रखा गया है. आइये आपको बताते हैं इस रचनात्मक पहल के पीछे की बड़ी वजह के बारे में. साथ ही यह भी बताएंगे कि आखिर प्लेटफॉर्मों के नाम से लिए सिर्फ इन्हीं ब्रांड्स के नाम क्यों चुने गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि रेलवे ने उत्तर प्रदेश की दैनिक इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली कंपनी बीएल एग्रो को प्लेटफॉर्म का नाम बदलने का अधिकार दिया है. इसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुछ प्लेटफॉर्म का नाम कंपनी के तेल ब्रांड ‘बैल कोल्हू’ और ‘नॉरिश’ पर रखा जाएगा. रेलवे ने बताया कि हाइब्रिड मीडिया को ‘न्यू, इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडियाज स्कीम’ के तहत एनडीएलएस प्लेटफॉर्म के नामकरण के अधिकार का ठेका दिया गया है. इस कड़ी में हाइब्रिड मीडिया ने बीएल एग्रो के साथ और करार किया है.



इस समझौते के साथ बीएल एग्रो पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसे प्लेटफार्म नंबर 14, 15 और 16 के नामकरण का अधिकार दिया गया है. इस समझौते के साथ नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14 और 15 को ‘नॉरिश प्लेटफॉर्म 14 और 15’ के रूप में ब्रांडेड किया जाएगा और स्टेशन के अजमेरी गेट की तरफ के प्लेटफॉर्म 16 को ‘बैल कोल्हू प्लेटफॉर्म-16’ के नाम से जाना जाएगा.



इतना ही नहीं बीएल एग्रो के बयान के मुताबिक अब इन प्लेटफार्मों पर बैल कोल्हू और नॉरिश के डिस्प्ले भी लगेंगे. इसके साथ ही प्लेटफार्म एरिया में बैल कोल्हू और नॉरिश के विज्ञापन दिखाए जाएंगे. इस साझेदारी में प्लेटफ़ॉर्म पर यात्रियों के टहलने वाले एरिया में पैनल्स, बिलबोर्ड्स, विनायल रैपिंग और अन्य पर बीएल एग्रो को ब्रांडिंग के भी अधिकार मिले हैं. बता दें कि बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित एमएफसीजी कंपनी है. यह बैल कोल्हू के ब्रांड नाम से सरसों तेल एवं कुछ अन्य खाद्य पदार्थ बनाती है.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर


(एजेंसी इनपुट के साथ)