गुवाहाटी: चीन (China) के बाद भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी (Second Largest Population Country India) वाला देश है. लगातार कहा जा रहा है कि हालात नहीं सुधरे तो देश जल्द ही इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा. वहीं देश में जनसंख्या घनत्व और जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion) के बारे में भी आपने बचपन में पढ़ा होगा. ये ऐसा मुद्दा है जिस पर काम करने के लिए कई देशों की सरकारें कतराती रही हैं.


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इस बीच भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम (Assam) के सीएम हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने एक बड़ा फैसला किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को राज्य सरकार की लाभकारी योजनाओं के फायदे से वंचित किया जाएगा. 


इस वर्ग को मिली छूट


सीएम ने कहा, 'राज्य में पॉपुलेशन पॉलिसी राज्य में लागू हो चुकी है. इसलिए चाहे राज्य की कर्ज माफी योजना हो या फिर अन्य लाभकारी योजनाओं का फायदा नए जनसंख्या नियमों के हिसाब से दिया जाएगा. वहीं राज्य के चाय के बागानों में काम करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति से जुड़े लोगों (Tea garden workers/SC-ST community) पर नई नीति और नियम लागू नहीं होंगे.' 


सीएम ने ये भी कहा असम सरकार चरणबद्ध तरीके से दो बच्चे की नीति को लागू करेगी. प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति असम में सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है. उन्होंने यह भी कहा, ‘1970 के दशक में हमारे माता-पिता या दूसरे लोगों ने क्या किया इस पर बात करने का कोई तुक नहीं है. विपक्ष तो ऐसी अजीबोगरीब चीजें कह रहा है और हमें 70 के दशक में ले जा रहा है.'


'केंद्र की योजनाओं पर असर नहीं'


हालांकि, असम में प्रस्तावित नई जनसंख्या नियंत्रण नीति प्रदेश में सभी योजनाओं पर तुरंत लागू नहीं होगी, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा भी राज्यों को कई योजनाओं के फायदें दिए जाते हैं. इस कड़ी में सीएम ने कहा. 'कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिनके लिए हम 2 बच्चे की नीति नहीं लागू कर सकते हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देना या केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत स्कूल और कॉलेजों में मुफ्त दाखिला देना इन योजनाओं पर असर नहीं पड़ेगा.'


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अल्पसंख्यक समुदाय से अपील


गौरतलब है कि इसी महीने की 10 जून को, सीएम ने राज्य के तीन जिलों पर गहराई से मंथन के बाद बेदखली जैसे मुद्दों पर चर्चा की थी. इसी दौरान सीएम ने अल्पसंख्यक समुदाय से गरीबी को कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए 'सभ्य परिवार नियोजन नीति' अपनाने की अपील की थी. ताकि रहने की जगह कम होने का समाधान ढूढने की दिशा में हो रहे काम में तेजी लाई जा सके.


सीएम ने प्रवासी मुस्लिम समुदाय पर बड़े परिवारों के होने का भी आरोप लगाया था. इस फैसले पर राज्य में मुस्लिमों का रहनुमा होने का दावा करने वाले दलों खासकर मुस्लिम समुदाय में मजबूत आधार वाले एआईयूडीएफ ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी.


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पंचायत चुनावों में लागू है 2 चाइल्ड पॉलिसी


आपको बता दें कि असम में वर्तमान में असम पंचायत अधिनियम, 1994 में 2018 में एक संशोधन के अनुसार पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और कार्यात्मक स्वच्छता शौचालय की आवश्यकताओं के साथ दो बच्चों का मानदंड (Two Child Policy) है.


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