IAS से इस्तीफा देने के बाद शाह फैसल बोले, `कश्मीर के लोगों की इच्छा पर निर्भर करेगा अगला कदम`
शाह फैसल ने कहा कि सरकारी सेवा छोड़ने के लिए उन्हें आलोचना और सराहना दोनों मिली है और उन्हें इसकी `पूरी उम्मीद भी थी.`
श्रीनगर: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शाह फैसल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका अगला कदम इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीर के लोग, खासकर नौजवान उनसे क्या चाहते हैं. फैसल ने कहा कि सरकारी सेवा छोड़ने के लिए उन्हें आलोचना और सराहना दोनों मिली है और उन्हें इसकी 'पूरी उम्मीद भी थी.'
उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'अब मैं सेवा छोड़ चुका हूं. इसके बाद मैं जो कदम उठाऊंगा वह इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीरी लोग, खासकर युवा मुझसे क्या चाहते हैं.' फैसल ने अपने भविष्य के बारे में निर्णय करने से पहले लोगों से सुझाव देने के बारे में भी कहा है .
'लोगों से मिलकर राजनीति पर फैसला होगा'
फैसल ने कहा अगर आप फेसबुक/टि्वटर से बाहर निकलकर कल (शुक्रवार) श्रीनगर आएं तो हम साथ मिलकर विचार कर सकते है. फेसबुक लाइक्स और कमेंट से नहीं बल्कि लोगों से मिलकर राजनीति पर फैसला होगा. एमबीबीएस डिग्री धारक फैसल ने कहा कि वह आयोजन स्थल के बारे में बताएंगे क्योंकि उन्हें पता चला है कि कई लोग उनसे मिलने आ रहे हैं.
पूर्व आईएएस अधिकारी के नेशनल कांफ्रेंस से जुड़ने की चर्चा है लेकिन उनके फेसबुक पोस्ट से और भी अटकलें तेज हो गई हैं. उन्होंने कहा, देखते हैं उन सैकड़ों हजारों लोगों में कितने लोग बात करने आते हैं. नीचे कमेंट में हां टाइप करें. बाद में मत कहिएगा कि मुझे पहले युवाओं से पूछना चाहिए था. हालांकि बाद में फैसले ने फैसबुक पर लिखा की कल (शुक्रवार) के लिए प्रतिकूल मौसम के पूर्वानुमान के कारण, श्रीनगर में प्रस्तावित युवा संपर्क स्थगित किया गया है। हम जल्द ही मिलेंगे. शुक्रिया दिलचस्पी दिखाने के लिए.
फैसल ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
जम्मू कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को इस्तीफा दे दिया था.
35 वर्षीय फैसल ने कहा है कि उनका इस्तीफा, 'हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिये पर डाले जाने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध है.'
(इनपुट - भाषा)