Dawood Ibrahim Riot Cell: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के गिरोह डी कंपनी के खिलाफ एक नई चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट में डी कंपनी को लेकर एनआईए ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आरोप है कि डी कंपनी ने अब हिंदुस्तान विरोधी साजिश को अंजाम देने के लिए दंगा सेल (Riot Cell) बनाया है. यही नहीं इस दंगा सेल के साथ-साथ डी कंपनी के निशान पर देश के बड़े राजनेताओं के साथ ही कई बड़ी हस्तियां भी हैं.


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पाकिस्तान में छिपकर भारत विरोधी साजिश कर रहा दाऊद


पाकिस्तान में छिप कर भारत विरोधी साजिशों को अंजाम देने वाले आतंकी दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) ने भारत में दंगा सेल बनाया है. दाऊद के दंगा सेल का मतलब है- एक ऐसी यूनिट जिसका काम सिर्फ और सिर्फ दंगा कराना है. डी कंपनी को लेकर पहली बार इस तरह की खबर आई है कि सिर्फ दंगे कराने के लिए उसने अलग से गिरोह बनाया है.


पाकिस्तान की खुफिया जांच एजेंसी आईएसआई (ISI) का मोहरा दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के साथ मिलकर लंबे समय से भारत पर हमले की साजिश रचता आ रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता की वजह से वो हर बार नाकाम हो जाता है. इसलिए अब उसने दंगा कराकर भारत को जख्म देने की साजिश रची है.


किन शहरों में है दाऊद के दंगा सेल की नजर


भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई समेत देश के तमाम बड़े शहरों में दंगा भड़काने का प्लान तैयार हो चुका है. दंगे की आड़ में दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की हिटलिस्ट भी बन चुकी है और इसे अंजाम देने के लिए फंडिंग भी हो रही है. डी कंपनी के खिलाफ दायर एनआईए (NIA0 की चार्जशीट के मुताबिक डी कंपनी के निशाने पर देश के बड़े राजनेता हैं और कई बड़ी हस्तियां भी निशाने पर हैं. दाऊद ने डी कंपनी के दंगा सेल को मोटी रकम भी भेजी थी ताकि प्लान पर जल्द से जल्द काम शुरू हो सके. ये पैसे हवाला के जरिए भेजे जा रहे थे.


कौन लीड कर रहा दाऊद का दंगा सेल?


अब सवाल है कि ये बात एनआईए (NIA) को पता कैसे चली? और दाऊद के बनाए दंगा सेल को लीड कौन कर रहा है? दरअसल, एक टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) में गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के दौरान एनआईए को ये अहम जानकारी मिली है. टेरर फंडिंग मामले में कुछ समय पहले एनआईए ने आरिफ शेख और शब्बीर शेख नाम के दो आरोपियों के गिरफ्तार किया था. जांच से पता चला कि दोनों आरोपियों ने पाकिस्तान से दुबई के रास्ते 25 लाख की रकम मुबई भेजी थी और ये पैसे छोटा शकील के जरिए दोनों तक पहुंचाए गए थे.


एनआईए ने दावा किया है कि इसी पैसे से देश के कई इलाकों में दंगा करने की साजिश भी थी. इस मामले में एक और नाम सामने आया था वो है- कुरैशी. एनआईए के मुताबिक कुरैशी ही वो शख्स है, जो दाऊद की इस पूरी साजिश को अंजाम दे रहा था. फिलहाल एनआईए (NIA) अब इस सिंडिकेट के बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है और ये जानने की कोशिश में जुटी हुई है कि सिंडिकेट का जाल देश के और किन किन हिस्सों में फैला हुआ है.


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