Virus Presence: निपाह संक्रमण के खिलाफ एकमात्र उपचार ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ को इस घातक वायरस से निपटने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को यह जानकारी दी है. जॉर्ज ने बताया कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित करने के लिए दो राष्ट्रीय और केरल सरकार के एक संस्थान द्वारा निर्णय लिया गया है.


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दरअसल, उन्होंने कहा कि केरल सरकार का इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी, राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी इस प्रयास में शामिल होंगे. मंत्री ने कहा कि इस विषाणु संक्रमण से उबरने वाले मरीजों की कोशिकाओं का उपयोग करके एंटीबॉडी विकसित करने पर विचार किया जा रहा है.


इस विषाणु से पिछले महीने राज्य के कोझिकोड जिले में छह लोग संक्रमित हो गए थे जिनमें से दो की मौत हो गई थी. मंत्री ने कहा कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया से आयात की जा रही हैं, जहां उन्हें वहां मौजूद निपाह स्वरूप के अनुसार बनाया जाता है. उन्होंने कहा, “यहां देखे गए स्वरूप के लिए हमें इसे (एंटीबॉडी को) स्वदेशी रूप से निर्मित करने की आवश्यकता है. केरल में मिला विषाणु इसका बांग्लादेश स्वरूप था, जिससे मृत्यु दर लगभग 70-90 प्रतिशत है.


मालूम हो कि राज्य में 16 सितंबर से एक भी निपाह वायरस के मामला सामने नहीं आया है जिसके बाद केरल सरकार ने उत्तरी जिलों में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को वापस ले लिया गया था. हालांकि जिला प्राधिकारी लोगों से इस वायरस के खिलाफ सतर्कता बनाए रखने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने का आग्रह कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को यह जानकारी दी है.