नई दिल्ली: निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में दोषी पवन ने एक बार फिर कानूनी पैंतरा चला है. इस बार सुप्रीम कोर्ट में एक और क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि वारदात के समय वह नाबालिग था, इसलिए उसकी फांसी की सजा खारिज की जाए.


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यह याचिका पवन ने सुप्रीम कोर्ट में उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज होने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की है. यह कयूरेटिव याचिका खारिज होना तय है क्योंकि पवन की नाबालिग होने की दलील को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.


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यह याचिका जज अपने चेंबर में सुनेंगे जिसमें किसी तरफ का वकील जिरह के लिए मौजूद नहीं होता है. जज अपने पुराने फैसले के संदर्भ में यह देखते हैं कि दोषी कोई बहुत अहम कानूनी पहलू तो नहीं ले आया है जोकि कोर्ट में पहले जजों के सामने न रखा गया हो.


इस मामले में सभी दोषी अपनी दलीलों को कई बार कोर्ट में रख चुके हैं, जिन्हें कोर्ट खारिज कर चुका है. ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए 20 मार्च की सुबह का डेथ वारंट जारी किया हुआ है. 


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