सेना के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोगों पर काम कर रही सरकार : रक्षामंत्री
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा बाह्य अंतरिक्ष की सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया जा सकता है.
नई दिल्ली: रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि रक्षाबलों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के उपयोगों को लेकर सरकार गंभीर है. उन्होंने इसके इस्तेमाल के लिए पर्याप्त अवसंरचना निर्माण का आह्वान किया. सीतारमण ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा बाह्य अंतरिक्ष की सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया जा सकता है. वह रक्षाबलों द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल के लिए तंत्र स्थापित करने में शामिल साझेदारों की एक कार्यशाला में बोल रही थीं.
सीतारमण ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग हवाई , जमीनी और नौसैन्य उद्देश्यों के लिए प्रभावी हो सकते हैं. इसके साथ ही किसी भी तरह के रासायनिक या परमाणु युद्ध पर निगरानी रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘कार्यबल को हमें यह बताने में सक्षम होना चाहिए कि वह क्या है जो रक्षाबलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करेगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल में सक्षम होने संबंधी अवसंरचना की कमी एक पहचानी गई चुनौती है. मैं एजेंडे में साइबर , परमाणु और अंतरिक्ष को प्राथमिकता में रखूंगी.’ कार्यबल कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शांतिपूर्ण और वाणिज्यिक इस्तेमाल को देख रहा है और भविष्य की परिवर्तनकारी अस्त्र प्रणाली के विकास की रूपरेखा तैयार करेगा.
यह सरकार से इतर तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में इसके इस्तेमाल के तरीकों पर भी काम कर रहा है और साथ ही सैन्य इस्तेमाल के लिए बुद्धियुक्त रोबोटिक प्रणाली विकसित करने पर भी काम कर रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि कार्यबल अमेरिका , चीन , जापान , जर्मनी और रूस सहित अन्य अग्रणी देशों द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल का भी अध्ययन कर रहा है. यह सशस्त्र बलों के लिए इसके उपयोगों को लेकर विशिष्ट कदमों की भी सिफारिश करेगा.
उन्होंने कहा कि यह रक्षा क्षेत्र में , खासकर उड्डयन , नौसैन्य , जमीनी प्रणालियों , साइबर , परमाणु और जैविक युद्ध में भारत को एक महत्वपूर्ण ताकत बनाने के लिए व्यापक सिफारिश भी करेगा.