Nirmala Sitharaman Budget Speech 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि ये बजट विकसित भारत के लिए है. उन्होंने कहा कि भौगोलिक विकास के हिसाब से हम बजट बना रहे हैं. इस बार 48.2 लाख करोड़ रुपये खर्च होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'यूपीए सरकार में नहीं लिया कई राज्यों का नाम'


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हम राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक इसे 4.5% से नीचे लाएंगे..." बजट भाषण में कुछ राज्यों का नाम नहीं लिए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'यूपीए सरकार के समय बजट में कई राज्यों का नाम नहीं लिया जाता था तो क्या इसका मतलब यह था कि उन राज्यों को आवंटन नहीं हुआ था.' 


उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में पिछले साल की तुलना में किसी भी क्षेत्र के लिए कम आवंटन नहीं किया गया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने देश के आर्थिक विकास का उल्लेख करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण देश कोविड के समय की जटिल स्थिति से बाहर निकला.' 


'हमने जम्मू कश्मीर को पर्याप्त फंड दिया'


बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत व्यय के कारण कोविड के बाद हमने उच्च गति से विकास किया है और अब हमारा देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर को पर्याप्त सहायता प्रदान की है, जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस को दिए गए 12,000 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. 


बजट पर भड़का विपक्ष


इससे पहले विपक्षी नेताओं ने बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा. विपक्ष ने कहा कि बजट में आम आदमी की अनदेखी की गई है. शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा ‘अगर वित्त मंत्री इस तरह का बजट बनाती रहेंगी तो वह दिन दूर नहीं जब वह विपक्ष में रहेंगी और आज का विपक्ष सत्ता में होगा. चतुर्वेदी ने आगे कहा ‘वित्त मंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ के तहत यह बजट पेश किया है जो पूरी तरह महाराष्ट्र विरोधी है.’


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के डॉ वी शिवदासान ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें विपक्ष शासित राज्यों को पूरी तरह उपेक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपाती है और वादे तो बड़े बड़े करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं आज भी वहीं हैं और वे संघर्ष कर रहे हैं लेकिन उनकी समस्याएं सरकार को नजर नहीं आतीं. फसल बीमा योजना का खूब ढोल पीटा गया लेकिन उसके बजट में कटौती कर दी गई. 


'सरकार ने महिलाओं की अनदेखी की'


शिवदासान ने कहा कि ग्रामीण भारत की जीवनरेखा ‘मनरेगा’ को केवल 86 हजार करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए जबकि इसके तहत आने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि बाल कल्याण के लिए एक भी रुपया आवंटित नहीं किया जाना बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी के लिए आवंटन भी घटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा कर 15,000 रुपये किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बजट घटा दिया गया. उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा की पूरी तरह अनदेखी कर दी है. 


(एजेंसी भाषा)