Nitin Gadkari News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर में हाल ही में मिले लिथियम भंडार का इस्तेमाल करता है तो वह दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) की मैन्युफैक्चरिंग के मामले में पहले नंबर पर होगा. गडकरी ने बोर्ड ऑफ इंडस्ट्रीज कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक प्रोग्राम में ये बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए और इलेक्ट्रिक बसें ही भविष्य हैं. उन्होंने कहा, हम हर साल 1,200 टन लिथियम इंपोर्ट करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमें अब जम्मू-कश्मीर में लिथियम मिला है. अगर हम इस लिथियम आयन का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो हम ग्लोबल लेवल पर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाले देशों में पहले नंबर पर होंगे. भारत पिछले साल यानी 2022 में चीन और अमेरिका के बाद जापान को पीछे छोड़ तीसरा सबसे बड़ा व्हीकल मार्केट बन गया है.


7.5 लाख करोड़ की है व्हीकल इंडस्ट्री


गडकरी के मुताबिक, फिलहाल में देश की व्हीकल इंडस्ट्री 7.5 लाख करोड़ रुपये की है. इसके अलावा देश के कुल जीएसटी रेवेन्यू में इस सेक्टर का काफी ज्यादा योगदान है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने रियासी जिले में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर पैनल के मैन्युफैक्चरिंग के लिहाज से जरूरी खनिज लिथियम का पता लगाया है. इसका अनुमानित भंडार 59 लाख टन का है.


ये धातु है बेहद दुर्लभ


जम्मू-कश्मीर के खनन सचिव अमित शर्मा के मुताबिक, यह लिथियम दुर्लभ संसाधन की कैटेगरी में आता है. यह पहले भारत में उपलब्ध नहीं था और हम इसके 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर थे. उन्होंने कहा, 'जीएसआई के जी3 (एडवांस) विश्लेषण के अनुसार, रियासी के सलाल गांव में माता वैष्णो देवी तीर्थ की तलहटी में काफी मात्रा में शानदार क्वॉलिटी वाला लिथियम मौजूद है.'


गौरतलब है कि पिछले पांच साल में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान में लिथियम और उससे जुड़े तत्वों पर 20 प्रोजेक्ट्स को अंजाम दिया है.


(एजेंसी-पीटीआई)


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे