Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा के जदयू और भाजपा छोड़ने के बाद कुशवाहा नेता सम्राट चौधरी को बिहार इकाई का प्रमुख नियुक्त किए जाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कुशवाहा समुदाय तक पहुंचने की कोशिश की. सम्राट अशोक की जयंती मनाने के लिए पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कुशवाहा समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दिल्ली से आने वाले लोगों के लिए 'सचेत रहिएगा' शब्द का इस्तेमाल किया और दावा किया कि उन्होंने कुशवाहा समाज के लिए बहुत कुछ किया है.


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कुशवाहा समाज सम्राट अशोक का वंशज होने का दावा करता है. ो मैं आपको बताना चाहता हूं कि उन्होंने कुछ नहीं किया है, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने सब कुछ किया है. इसलिए उनसे सतर्क रहें.


कुशवाहा समुदाय के लोगों ने हाथ हिलाकर नीतीश को आश्वासन भी दिया. उन्होंने कहा, मैंने कुशवाहा समुदाय और बिहार के समग्र लोगों के कल्याण के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन आपने मुझे कभी भी अपनी उपलब्धि का दावा करते हुए नहीं देखा होगा. उन्होंने (भाजपा) कुछ भी नहीं किया है, उनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना-देना नहीं रहा है. वे महात्मा गांधी की स्मृति को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. वे देश की सत्ता में हैं, लेकिन आम लोगों के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने केवल जुबानी सेवा की है. इसलिए, उनसे सतर्क रहें.


नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के पास बिहार में कुर्मी (लव) और कुशवाहा (कुश) समुदाय का कोर वोट बैंक है. उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के बाद कुछ कुशवाहा वोट बैंक कथित तौर पर उनकी ओर चले गए और अब बिहार में सम्राट चौधरी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने का उद्देश्य कुशवाहा समुदाय को आकर्षित करना है, जो मुसलमानों और यादवों के बाद बिहार में तीसरा सबसे बड़ा समुदाय है.


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