नीतीश कुमार सरकार में नहीं हो रहा विभागों का बंटवारा, कहां फंस गया पेच?
Bihar News: सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग को लेकर मामला फंसा है. गृह विभाग अबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही रहा है लेकिन अब बीजेपी इसे अपने पाले में लेने के लिए दबाब बना रही है.
Nitish Kumar Government: बिहार में 28 जनवरी को नए सरकार का गठन हुआ लेकिन अब तक मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों के बिच विभाग का बंटवारा नहीं हुआ है, दूसरी ओर आरजेडी के कोटे से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अबतक इस्तीफा भी नहीं दिया है, विधानसभा के बजट सत्र को लेकर आहूत समय भी तीसरी बार बदला गया और इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है
असल में नई सरकार के गठन को अब एक सप्ताह होने को है लेकिन अबतक शपथ लिय्रे मंत्रियों के बिच विभाग का बंटवारा नहीं हुआ है. इतना ही नहीं विधानसभा की कार्यवाही पांच फारवरी से होनी थी जिसे नयी सरकार ने 10 फरवरी से होने की सूचना निर्देशित की और इसके बाद अब 12 तारीख का दिन सदन की शुरुआत के लिए रखा गया है.
आरजेडी का कहना है कि..
उधर मंत्रिमंडल में विभाग का बंटवारा या इसके विस्तार को लेकर आरजेडी का कहना है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है जब करें लेकिन अब उन्हें मालूम चल रहा होगा कि जिनके साथ वे गए हैं उनके साथ सामंजस्य बिठाना कितना मुश्किल है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि अब तक विस्तार हो जाना चाहिए था.
गृह विभाग को लेकर मामला फंसा
वहीं अंदरखाने से जो बात निकलकर आ रही है उसके अनुसार गृह विभाग को लेकर मामला फंसा है. गृह विभाग अबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही रहा है लेकिन अब बीजेपी इसे अपने पाले में लेने के लिए दबाब बना रही है. हालांकि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि विपक्ष का आरोप निराधार है और सरकार में शामिल दलों में कोई समस्या नहीं है. सब बढ़िया चल रहा है और एक दो दिन में सब घोषणा हो जाएगी.
सदन के अध्यक्ष को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन वे नहीं दे रहे हैं. लिहाज़ा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और 14 दिन की अवधि पूरी होने पर उन्हें इसके जरिये हटाया जायेगा. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी पिछली सरकार सेबीजेपी के बहार होने पर इस्तीफा न देकर विधानसभा में अपनी बात कह कर इस्तीफा दिए थे.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव के 14 दिन बाद इसपर मतदान होने की वैधानिक प्रक्रिया है लिहाज़ा नयी सरकार ने पहले घोषित 10 जनवरी से समय बढ़ाकर 12 जनवरी से विधानसभा बुला रही है. इन सब बातों के बिच इन मुद्दों को लेकर बिहार में राजनीति तेज है और राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही है. (पटना से रजनीश की रिपोर्ट)