Nitish Kumar: 2020 में `अंत भला सो सब भला` की बात खत्म, नया नारा- `2025 में 225, फिर से नीतीश`
Bihar Politics: 2020 में जब बिहार विधानसभा चुनाव के चुनाव चल रहे थे तो नीतीश कुमार ने अपनी आखिरी जनसभा में कहा था कि `अंत भला सो सब भला`. इस बयान के उस वक्त ये मायने निकाले गए कि नीतीश कुमार आखिरी बार जनता से मुख्यमंत्री पद के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं.
Bihar Elections 2025: 2020 में जब बिहार विधानसभा चुनाव के चुनाव चल रहे थे तो नीतीश कुमार ने अपनी आखिरी जनसभा में कहा था कि 'अंत भला सो सब भला'. इस बयान के उस वक्त ये मायने निकाले गए कि नीतीश कुमार आखिरी बार जनता से मुख्यमंत्री पद के लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं. चुनाव नतीजों के बाद उनकी पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर पहुंची लेकिन नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने. अब 2025 में फिर से बिहार में चुनावी बिगुल बजने वाला है. उससे पहले दो बड़े घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं. पहला- बिहार में प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज दो अक्टूबर को लॉन्च हुई. दूसरा-बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं.
इन बदलते घटनाक्रम के बीच सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को एनडीए के सभी घटक दलों की बैठक बुलाई और सबका मन लिया. इस बैठक में एनडीए में शामिल घटक दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए. इस बैठक में हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी को आमंत्रित नहीं किया गया था.
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नीतीश कुमार ही होंगे चेहरा
इस बैठक में नीतीश कुमार ने अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इसके लिए उपस्थित सभी दलों की सहमति प्राप्त की. वैसे इससे पहले भी भाजपा सहित अन्य दलों के नेता इससे संबंधित बयान देते रहते थे, लेकिन बैठक में सभी ने एक स्वर में इसकी पुष्टि कर दी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कहते भी हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि हम बेहतर समन्वय के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे, इसमें किसी को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए.
इस बैठक के जरिये जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने विरोधियों को भी एनडीए के एकजुट होने की ताकत दिखाई. बैठक में एकजुटता पर सबसे अधिक जोर रहा और सभी ने एक स्वर में साझा कार्यक्रम चलाने और एनडीए के कार्यकर्ताओं में बेहतर समन्वय बनाने की बात कही.
बैठक में एनडीए के नेताओं को बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 220 से 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य देते हुए नारा दिया गया, '2025 में 225, फिर से नीतीश'। इस नारे ने साफ कर दिया कि अगला विधानसभा चुनाव नीतीश के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
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एक 'मीटिंग' और कई 'निशाने'!
कुल मिलाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं को एक साथ बैठाकर कई निशाने साध लिए. इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कई सालों से बिहार में सरकार किसी भी गठबंधन की रही हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहे हैं.
बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार भी कहते हैं कि नीतीश कुमार की पहचान एक कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं एक रणनीतिकार के रूप में होती है। उनकी बिहार के प्रति समझ गजब की है। गौर से देखें तो वह समय-समय पर अपनी रणनीतियों में बदलाव करते रहते हैं। एक बार फिर एक रणनीति के तहत एनडीए की बैठक बुलाकर न केवल एकजुटता का संदेश दिया बल्कि अपनी स्थिति भी मजबूत कर ली.
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)