बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की 'हिंदू राष्ट्र' को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर जमकर निशाना साधा और उनकी कड़ी आलोचना की. नीतीश कुमार ने कहा कि उनके बयान का 'कोई मूल्य नहीं' है. नीतीश कुमार ने कहा, 'देश में कई धर्म हैं. बिहार में देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं. सबको अपने ढंग से पूजा करने का अधिकार है. धर्म को मानने वाले लोगों की इज्जत है, इसमें दखल नहीं करना चाहिए. कोई कुछ बोल रहा है तो वो अपनी मर्जी से बोल रहा है, लेकिन उसका कोई वैल्यू नहीं है. देश में संविधान है और इसका कोई उल्लंघन करता है तो दुनिया देखेगी.'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा बागेश्वर धाम वाले बाबा की आरती उतारने की बात पर नीतीश कुमार ने कहा कि कोई किसी पूजा करे, कोई किसी की आरती उतारे, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है. ये लोगों का अधिकार है कि वो किसी भी पूजा कर सकते हैं. वो व्यक्तिगत चीज है.


उन्होंने कहा, पूरे देश में अमन-चैन बना रहेगा. नीतीश कुमार ने कहा, 'आप देखिए कि अभी ये लोग क्या बोल रहे हैं और बताइए कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी क्या कहते थे.' इस बीच, बिहार के पूर्व सीएम और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से पटना में कार्यक्रम आयोजित करने से धीरेंद्र शास्त्री को नहीं रोके जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'बाबा बागेश्वर कौन हैं?'


उन्होंने कहा, 'उ कौनो बाबा है क्या? उ कौन चीज है?' लालू के बेटे तेजप्रताप यादव ने भी धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये बाबा बिहार के लोगों को गाली दे रहे हैं और उन्हें पगला कह रहे हैं. बिहार में रामराज नहीं कृष्ण राज है. महागठबंधन का राज है. उन्होंने भगवान कृष्ण को भगवान राम से आगे बताते हुए कहा कि राम 14 कलाओं में निपुण थे और कृष्ण 16 कलाओं में निपुण थे. 


तेज प्रताप यादव ने भी शास्त्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'वह ऐसे किसी बाबा को नहीं जानते, केवल देवरहा बाबा को जानते हैं और उनका जन्म भी उन्हीं के आशीर्वाद से हुआ है.' तेज प्रताप ने आरोप लगाया, "...यह बाबा बिहारियों को गाली दे रहा है और उन्हें पागल कह रहा है. बिहार में कृष्ण राज और महागठबंधन राज है... यह राजनीति देश को बांटने के लिए की जा रही है."