Delhi Pollution: पटाखे नहीं, दिवाली के हफ्ते में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की यह है वजह
Delhi Pollution Level: रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की जरुरत है. साइकिल चलाने लायक सड़कों और ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत है, लेकिन इस दिशा में काम नहीं हो रहा है.
Delhi Air Quality: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण दिवाली के हफ्ते में भी पटाखे नहीं रहे बल्कि दिल्ली में सरपट दौड़ रही गाड़ियां रहीं. 21 से 26 अक्टूबर वाले हफ्ते में दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक ट्रैफिक जाम लगने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया था. इस हफ्ते में पीएम 2.5 के स्तर में 17% योगदान गाड़ियों से निकलने वाले ईंधन ने दिया.
सेंटर फॉर साइंस (Centre for science) ने रिसर्च के माध्यम से ये भी बताया कि 21 से 26 अक्टूबर के बीच दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार घटकर 17 किलोमीटर प्रति घंटा ही रह गई थी. दोपहर 12:00 से रात 8:00 बजे तक लंबे ट्रैफिक जाम लगे रहे. इस दौरान औसत स्पीड 27 किलोमीटर प्रति घंटा रही. जबकि दिल्ली की सड़कें 40 किलोमीटर या 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने के लिए डिजाइन की गई है.
दिल्ली में ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की जरुरत
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की जरुरत है. दिल्ली में मौजूद 1 करोड़ 40 लाख वाहनों और 1 दिन में लगने वाले 276 लाख ट्रैवल ट्रिप्स ने दिल्ली की हवा का दम घोंट रखा है. साइकिल चलाने लायक सडकों और ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत है, लेकिन इस दिशा में काम नहीं हो रहा है.
इस बीच प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बुधवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमने केंद्र सरकार को कई सुझाव दिए लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी. सिर्फ दिल्ली और पंजाब पर ही सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? हरियाणा और राजस्थान में भी कई शहर हैं जहां AQI खराब हैं, केंद्र सरकार उन पर कोई सवाल क्यों नहीं उठा रही है?’
(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)