नई दिल्ली: देश में कोरोना के आंकड़े तेज़ी से कम हो रहे हैं और अब देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी भी नहीं है, लेकिन याद कीजिए अप्रैल-मई के महीने में दिल्ली और यूपी में ऑक्सीजन का कितना बड़ा संकट (Oxygen Crisis) खड़ा हो गया था. ऑक्सीजन के लिए लंबी-लंबी कतारें दिखती थीं.  


राज्यों ने नहीं दी जानकारी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑक्सीजन पर केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट से अब राजनीति गरमा गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा में मंगलवार को एक सवाल के जवाब में कहा है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में कहा कि राज्यों ने ऑक्सीजन से मौत की कोई जानकारी केंद्र को नहीं दी है.


एक तरफ कांग्रेस ने ऑक्सीजन की कमी से मौत को लेकर केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है, तो वहीं  कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है. 


ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं


दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल (K C Venugopal) की ओर से सवाल पूछा गया था कि देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है क्या, इसके लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार (Bharati Pravin Pawar) ने जानकारी दी कि राज्यों ने कोरोना से मौत के आंकड़े लगातार केंद्र को उपलब्ध कराए लेकिन किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से मौत का जिक्र नहीं किया.


यानी केंद्र के मुताबिक राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी से मौत पर केंद्र को कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि केंद्र ने माना है कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की डिमांड पहली लहर के मुकाबले तीन गुना बढ़ गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड जो कोरोना की पहली लहर में 3095 मीट्रिक टन थी, वो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन तक पहुचं गई थी. 


स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि स्वास्थ्य राज्य सरकार का विषय है. सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरफ से कोरोना केस और मौत के आंकड़े नियमित तौर पर विस्तृत गाइडलाइन्स के मुताबिक मुहैया कराए जाते हैं, लेकिन किसी भी राज्य ने केंद्र सरकार को ये जानकारी नहीं दी कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान गई.


राहुल ने सरकार पर साधा निशाना


स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट सामने आते ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राजनीति शुरू कर दी. राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की और कहा कि सिर्फ़ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी, संवेदनशीलता और सत्य की भारी कमी - तब भी थी, आज भी है. लेकिन उन्हीं की पार्टी के नेता और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन की कमी से मौत को खारिज कर दिया.


टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि ये सच है कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. छत्तीसगढ़ ऑक्सीजन सरप्लस वाला राज्य था. लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई मैनेजमेंट में दिक्कत ज़रूर आई है. कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री साफ-साफ कह रहे हैं कि उनके राज्य में किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. अब राहुल गांधी को तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव का जवाब भी सुनने की जरूरत है. 


स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई. हमने सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार बनाए रखी थी, ऑक्सीजन सप्लाई के लिए हमारे पास टीम थी. तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके का गठबंधन है. 


मंत्री के बयान के साथ कांग्रेस नेता 


अब साफ है कि छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ठीक वही बात कह रहे हैं जो बात केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कही है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई. सवाल ये हैं कि क्या राज्यों ने केंद्र सरकार को अधूरे आंकड़े दिए और क्या राज्यों ने केंद्र को ऑक्सीजन की कमी से मौत के आंकड़े नहीं दिए हैं?


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले भी कह चुका है कि वो कोरोना को लेकर वो जो आंकड़े जारी करता है वो सारे आंकड़े राज्य सरकारों की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन राज्यों के आंकड़ों को कांग्रेस नहीं पचा पा रही है. राज्यसभा में ऑक्सीजन पर सवाल पूछने वाले कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रवीण भारती पवार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है और विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है.


ये भी पढ़ें: ऑक्सीजन सिलेंडर दिलवाने के नाम पर ठगी, पुलिस ने जाल बिछाकर पकड़ा सरगना


कांग्रेस केंद्र की जिस रिपोर्ट पर सवाल उठा रही है वो राज्यों के आंकड़ों के आधार पर है अब सवाल है कि क्या कांग्रेस सांसद कांग्रेस शासित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के खिलाफ भी क्या विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे? क्योंकि राहुल गांधी के बयान को तो उन्हीं की पार्टी के नेता और गठबंधन की सरकार वाले राज्य तमिलनाडु के अफसर गलत बता रहे हैं.