किसी को जबर्दस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) ने धर्मातंरण की आड़ में इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया है.
लखनऊ: ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुछ लोग इस्लाम धर्म की छवि को खराब करने के लिए धर्म परिर्वतन की आड़ लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश करते हैं. जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबर्दस्ती नहीं है, किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता.
जबर्दस्ती, इस्लाम धर्म के विरूद्ध
ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) की कार्यकारिणी की बैठक सुल्तान-उल-मदारिस में बोर्ड के अध्यक्ष, मौलाना सैयद साएम मेंहदी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बोर्ड की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया. बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने बाद में एक बयान में कहा, ‘किसी को जबर्दस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता. पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी किसी को जबर्दस्ती कलमा नहीं पढ़वाया. इन्सान अपनी मर्जी से अगर इस्लाम धर्म अपनाता है तब तो वह मुसलमान है. जोर जबर्दस्ती किसी लालच या दबाव में अगर कोई किसी को मुसलमान बनाए तो यह इस्लाम धर्म के विरूद्ध है.’
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जनसंख्या नियंत्रण बिल पर यूपी सरकार को नसीहत
इस दौरान ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण बिल (Population Control Bill) पर उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) को दोबारा गौर करना चाहिए. उन्होंने यूपी सरकार को नसीहत दी, 'उसे (यूपी सरकार को) भारत में आपसी भाईचारे और मेल-मिलाप पर ज्यादा जोर देना चाहिए और लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना चाहिए.
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