Donkey Flight: कहां गया 2 साल का मासूम, नहीं मिल रहा सुराग; पढ़ें ‘डंकी फ्लाइट’ की इमोशनल कहानी
Donkey Flight News: गुजरात पुलिस ने बच्चे का पता लगाने, उसके माता-पिता या अभिभावकों की पहचान करने की कोशिशें शुरू कर दी है.
Donkey Flight Latest News: शाहरुख खान की फिल्म डंकी सिनेमाघरों में धमाल मचा रही है. 'डंकी' का क्रेज फैंस के सिर चढ़कर बोल रहा है. फिल्म में अवैध तरीके से विदेश जाने की कहानी दिखाई गई है. इस बीच फ्रांस में रोकी गई ‘डंकी फ्लाइंट’ में सवार हुए दो साल के बच्चे की कहानी ने सबको चौंका दिया है, जिसका अब कुछ पता नहीं चल पा रहा है. गुजरात पुलिस ने बच्चे का पता लगाने, उसके माता-पिता या अभिभावकों की पहचान करने की कोशिशें शुरू कर दी है. पुलिस ने यह पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की है कि क्या बच्चा मानव तस्करों की जटिल प्लान का हिस्सा था. कहीं अमेरिका-कनाडा सीमा पर छोड़े गए कई बच्चों की तरह ही उसे भी मुश्किलों का सामना न करना पड़ रहा हो.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात पुलिस सीआईडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बच्चे और उसके माता-पिता या अभिभावकों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कई परिवार उत्तरी गुजरात में अपना घर छोड़ चुके हैं.’ गुजरात के 96 यात्रियों सहित 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ ले जाने वाली फ्लाइट को फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह में 21 दिसंबर को वैट्री में रोक दिया था. 24 दिसंबर को एक अदालती आदेश के बाद यात्रियों को रिहा कर दिया गया, जिनमें से केवल 276, मुंबई में उतरे. इनमें 72 गुजरात से थे. रिपोर्ट के मुताबिक वापस भेजे गए भारतीय यात्रियों की लिस्ट में, 2 अगस्त, 2021 को गुजरात में पैदा हुआ एक बच्चा भी शामिल है, जिसकी पहचान वैट्री एयरपोर्ट पर एक अकेले नाबालिग के रूप में की गई है.
डंकी फ्लाइट में सवार 276 यात्री मुंबई पहुंचे
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के 96 यात्रियों सहित 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ ले जाने वाली फ्लाइट को फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह में 21 दिसंबर को वैट्री में रोक दिया था.24 दिसंबर को एक अदालती आदेश के बाद यात्रियों को रिहा कर दिया गया, जिनमें से केवल 276, मुंबई में उतरे. इनमें 72 गुजरात से थे. वापस भेजे गए भारतीय यात्रियों की लिस्ट में, 2 अगस्त, 2021 को गुजरात में पैदा हुआ एक बच्चा भी शामिल है, जिसकी पहचान वैट्री एयरपोर्ट पर एक अकेले नाबालिग के रूप में की गई है.
क्यों भेजे जाते हैं बच्चे
सूत्र ने खुलासा किया कि गुजरात के मेहसाणा और गांधीनगर के अवैध प्रवासन का इंतजाम करने वाले एजेंट अक्सर नकली परिवार बनाते हैं. इसमें अनजाने लोग किसी और के बच्चों को साथ ले जाते हैं ताकि खुद को कपल के तौर पर पेश कर सके. ऐसा करने का मकसद अमेरिकी शरण प्राप्त करने की संभावना को बढ़ाना होता है. सूत्र ने कहा, ‘बच्चों वाले कपल को अमेरिकी शरण अधिक आसानी से मिलने की संभावना होती है.’ जांच में सामने आया है कि दो साल के बच्चे के अलावा, फ्लाइट में एक दस साल का और दो 17 साल के लड़के शामिल थे जिन्हें अकेले नाबालिग के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.
चिंताजनक ट्रेंड
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा का डाटा एक चिंताजनक ट्रेंड को दिखाता है. डाटा के मुताबिक 2020 और 2023 के बीच 730 भारतीय बच्चे अमेरिकी सीमाओं पर लावारिस पाए गए. आकंड़े 2020 के बाद 233% की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी भी दिखाता है. इनमें से अधिकांश बच्चे 10 से 14 वर्ष के बीच के हैं, लेकिन ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें चार वर्ष से कम उम्र के बच्चे लावारिस पाए गए. अकेले अक्टूबर 2023 में, 78 बच्चे सीमाओं पर पाए गए, इनमें 73 मेक्सिको बॉर्डर पर मिले, जिसे ‘डंकी रूट’ के रूप में जाना जाता है, जबकि पांच कनाडा सीमा पर पाए गए.