Noida के इस मेट्रो स्टेशन से थर्राते हैं अधिकारी, पुलिस भी रहना चाहती है दूर.. बेहद अजीब है वजह
Noida Metro Station: नोएडा के लिए मेट्रो अब जरूरत बन गई है. रोजाना नोएडा मेट्रो से लाखों लोग यात्रा कर रहे हैं. इसके पहले नोएडा के लोगों को दिल्ली या गुरुग्राम आने-जाने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब मेट्रो की वजह से लोग नोएडा से गुरुग्राम का सफर आसानी से कर लेते हैं.
Noida Metro Station: नोएडा के लिए मेट्रो अब जरूरत बन गई है. रोजाना नोएडा मेट्रो से लाखों लोग यात्रा कर रहे हैं. इसके पहले नोएडा के लोगों को दिल्ली या गुरुग्राम आने-जाने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब मेट्रो की वजह से लोग नोएडा से गुरुग्राम का सफर आसानी से कर लेते हैं. पहले नौकरी बदलने पर लोगों को शहर भी बदलना पड़ता था लेकिन अब मेट्रो की वजह से हालात बिल्कुल जुदा और सुगम हैं. लेकिन नोएडा का एक ऐसा मेट्रो स्टेशन है जो अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है.
यहां बात हो रही है नोएडा के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन की. इस मेट्रो स्टेशन ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ अथॉरिटी के अधिकारियों और पुलिस को भी परेशान कर रखा है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार मेट्रो स्टेशन से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है. दिक्कत यह है कि सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन सेक्टर-51 की जमीन पर बना है. लोगों की मांग है कि इसे सेक्टर-51 का ही मेट्रो स्टेशन कर देना चाहिए.
अब बात करते हैं इससे जुड़ी अन्य दिक्कतों की. सेक्टर-51 के वे लोग जिन्होंने सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए अपनी जमीन नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दी थी, वे खुश नहीं है. इन लोगों की मांग से प्राधिकरण के अधिकारी परेशान रहते हैं. इन लोगों ने यहां तक कह दिया है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
पुलिस भी सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन को लेकर हमेशा परेशान रहती है. पुलिस ही नहीं आम जनता को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता जब उनके साथ सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन पर कोई घटना हो जाती है. ऐसा इसलिए कि यह मेट्रो स्टेशन सेक्टर-51 की जमीन पर बना है जो कि सेक्टर-49 थाने के अंतर्गत आता है. लेकिन सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन पर जब भी कोई घटना सामने आती है तो यहां सेक्टर-24 थाने की पुलिस पहुंचती है. इसके बाद पुलिस सीमा विवाद में उलझ जाती है. घटना के पीड़ित को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरडब्ल्यूए ने बारे में कई बार नोएडा प्राधिकरण और नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से शिकायत की है. कई बार लोगों की मांग को लेकर संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा चुका है. सुनवाई न होने की वजह से आरडब्लूए और सेक्टर-51 के लोगों के पास सिर्फ हाई कोर्ट जाने का ही रास्ता बचा है.
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