Brain Dead Last Rites:  अंगदान को महादान कहा जाता है. यह बात है कि भारत में अंगदान को लेकर तरह तरह का भ्रांतियां हैं. इन सबके बीच तमिलनाडु सरकार के एक कदम की तारीफ हो रही है, तमिलनाडु सरकार ने अंगदान करने वालों के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ किए जाने का फैसला लिया है. सीएम स्टालिन ने कहा कि निश्चित तौर पर उन लोगों को सम्मान दिया जाना चाहिए जो ना जानें कितनी जिंदगियों को अंगदान के जरिए बचा रहे हैं.


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स्टालिन सरकार का फैसला


तमिलनाडु का अंगदान में देश में अग्रणी भूमिका रही है और यह सब सिर्फ उन परिवारों की वजह से संभव हुआ जिनके अपने स्वजन ब्रेन डेड थे और उन्होंने दूसरों के बारे में सोचा. स्टालिन सरकार के इस फैसले का विपक्ष भी सराहना कर रहा है. पीएमके के अध्यक्ष डॉ अंबुमणि रामदोस ने कहा कि इससे बेहतर सम्मान कुछ और नहीं हो सकता है. ब्रेन डेड लोगों के अंगों के दान के बारे में जो परिवार फैसले ले रहा है वो काबिलेतारीफ है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि अंगदान में पारदर्शिता लाए जाने की जरूरत है. ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो सरकारी अस्पतालों में इलाज कराते हैं.


ऑर्गन डोनेशन में तमिलनाडु का खास स्थान


2008 में  तमिलनाडु  प्रत्यारोपण के लिए एक प्राधिकरण स्थापित करने वाला पहला राज्य था और तब से 9 हजार से अधिक अंगों को डोनेट किया गया है. तमिलनाडु प्रत्यारोपण प्राधिकरण (Transtam) के पहले संयोजक डॉ. जे अमलोरपावनाथन ने कहा कि वो सरकार के फैसले का ना सिर्फ स्वागत करते हैं बल्कि प्रगतिशील फैसला है. ऐसा नहीं लगता कि किसी राज्य या यहां तक कि किसी देश ने ऐसी कोई घोषणा की हो. ऑर्गन डोनर को सर्वोच्च सम्मान यह अपने आपमें इस बात की तरफ इशारा करता है कि राज्य उनके महत्व को कितना समझता है. इतना ऊंचा सम्मान तो मशहूर लोगों को भी नहीं मिलता है. यह किसी को भी दिया जा सकने वाला सर्वोच्च सम्मान है.