नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) का सब-वेरिएंट भी सामने आ गया है, जिसे Stealth Omicron (BA.2) नाम दिया गया है. डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर के बाद अब इस सब वेरिएंट की भारत में भी एंट्री हो चुकी है. BA.2 स्ट्रेन ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट की तुलना में कई गुना तेजी से फैलता है. यही वजह से कि लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. 


इस वजह से चिंतित हैं वैज्ञानिक


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ओमिक्रॉन को अब तक डेल्टा वेरिएंट्स की तुलना में कई गुना संक्रामक माना जा रहा था. हालांकि, इसके लक्षण डेल्टा के मुकाबले कम गंभीर हैं, मगर इसका सब-वेरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन चिंता का कारण बन गया है. बताया जा रहा है कि स्टील्थ ओमिक्रॉन RT-PCR टेस्ट की पकड़ में भी नहीं आ रहा है. यही वजह है कि इस सब-वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है. बता दें कि इससे पहले के सभी वेरिएंट्स RT-PCR टेस्ट की पकड़ में आसानी से आ जाते थे.


ये भी पढ़ें -अमेरिकी राष्ट्रपति को रास नहीं आया महंगाई पर सवाल, पत्रकार को दे डाली गाली


क्या हैं स्टील्थ ओमिक्रॉन के लक्षण?


वहीं, WHO का कहना है कि अब तक ओमिक्रॉन का BA.1 लीनिएज प्रमुख रहा है, लेकिन भारत, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और डेनमार्क के हालिया डेटा बताते हैं कि BA.2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस सब-वेरिएंट के लक्षण (Symptoms of the New Omicron Sub-Variant) की बात करें तो एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोरोना के हर वेरिएंट के लक्षण पहले की तुलना में अलग होते हैं. ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा से अलग हैं. ओमिक्रॉन के ज्यादातर मरीजों को नाक बहने या फिर गले में चुभन की शिकायत है. इन मरीजों को स्वाद या सुगंध में कमी का अहसास नहीं होता, जैसा कि डेल्टा में था. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट के अब तक कोई अलग लक्षण देखने को नहीं मिले हैं. गले में खराश के बाद भी RT-PCR टेस्ट में लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही हैं. हालांकि, इसमें भी बहती नाक, सिर दर्द, थकान, छींक आना और गले में खराश जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं.


कितना खतरनाक है ये सब-वेरिएंट?


WHO का कहना है कि BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा खतरनाक है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए अभी और शोध की जरूरत है. हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, BA.2 से भी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है. ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट का असर अब तक फेफड़ों पर नहीं देखा जा रहा था, लेकिन भारत में मिले मामलों के अनुसार BA.2 स्ट्रेन मरीज के फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है. इससे संक्रमित आए नए  मरीजों के फेफड़ों में भी 5% से 40% तक इंफेक्शन देखने को मिला है.