India Nuclear Power: दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध और परमाणु युद्ध का खतरा लगातार बढ़ रहा है. इन खतरों ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. इस बीच कुछ देश इस खतरे से निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं. इस कड़ी में भारत ने भी एक पहल की है. भारत ने अपनी न्यूक्लियर सबमरीन INS अरिहंत से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफलतापूर्वक टेस्ट किया. इस टेस्ट के बाद देश में न्यूक्लियर ट्रायड की चर्चा होने लगी. हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस टेस्ट को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है. इसकी रेंज को लेकर भी कुछ नहीं बताया गया है. पर इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.


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पड़ोसी खतरे को देखते हुए तैयार किया न्यूक्लियर ट्रायड


सूत्रों का कहना है कि यह K-15 मिसाइल हो सकती है जिसे सागरिका के नाम से भी जाना जाता है. इसका संबंध SLBM की 'K' फैमिली से है. अब क्योंकि बात न्यूक्लियर ट्रायड की निकली है तो यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर यह क्या होता है और के-15 मिसाइल कितनी पावरफुल है. आप ये तो जानते ही होंगे कि पूरी दुनिया में इस समय 7 देश घोषित रूप से परमाणु हथियार रखते हैं. अब अगर इनमें से कोई दो देशों के बीच युद्ध होता है तो परमाणु हमले की भी आशंका बनी रहेगी. अब मान लीजिए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है. भारत अपनी नीति के तहत पहले किसी भी देश पर परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन उसने स्पष्ट कर रखा है कि अगर कोई देश उस पर हमला करेगा तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा. अब क्योंकि पाकिस्तान में चीजें अस्थिर हैं और हमेशा यह खतरा है कि वह पहले परमाणु हमला कर सकता है. इसके अलावा चीन से भी युद्ध का खतरा हमेशा रहता है. ऐसे में भारत ने एहतियातन न्यूक्लियर ट्रायड तैयार किया है.


क्या है न्यूक्लियर ट्रायड और कैसे करेगा काम?


क्योंकि पाकिस्तान परमाणु हमले की सोचेगा तो वह ये भी जानता होगा कि जवाब में भारत भी परमाणु अटैक करेगा. ऐसे में वह एक की जगह कई परमाणु हमले करने की कोशिश करेगा ताकि भारत की सेना को हमला करने का मौका ही न मिल सके. दुश्मन की इसी सोच को खत्म करने का काम न्यूक्लियर ट्रायड करता है. इस न्यूक्लियर ट्रायड के जरिये भारत ने युद्ध की स्थिति में तीनों तरह (जल, थल औऱ वायु) से परमाणु अटैक की तैयारी कर रखी है. इसे मैनेज करने के लिए ही 2003 में न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी गठित की गई थी. इसकी पॉलिटिकल काउंसिल के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, जो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे सकते हैं. इस अथॉरिटी से आगे इस साल परमाणु शस्त्रागार को संभालने के लिए स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड (SFC) की स्थापना भी की गई है.


इसलिए है न्यूक्लियर ट्रायड का महत्व


अब पीएम की अनुमति के बाद भारत परमाणु हमले की तैयारी करता है तो दुश्मन उसे डैमेज करने की भी कोशिश करेगा. हो सकता है कि वह थल और वायु सेना से होने वाले अटैक को नष्ट करके परमाणु हमले से बच जाए, लेकिन भारत ने क्योंकि न्यूक्लियर ट्रायड के तहत जल सेना के जरिये भी परमाणु दागने की तैयारी कर रखी है ऐसे में दुश्मन का बचना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि गहरे समंदर में मौजूद सबमरीन को ढूंढना शत्रु के लिए आसान नहीं होगा.



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