Maman Khan Judicial Custody:  नूंह हिंसा मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं कांग्रेस विधायक मामन खान को अदालत से थोड़ी राहत मिल गई है. हरियाणा पुलिस ने रिमांड अवधि बढ़ाने की अर्जी थी लेकिन अदालत ने पुलिस की अर्जी को ठुकरा दिया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. सवाल यह है कि नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक मामन खान का नाम कैसे सामने आया. दरअसल मामन खान ने विधामसभा में कहा कि अगर मोनू मानेसर मेवात गया तो उसे प्याज की तरह फोड़ देंगे. इस बयान के बाद हिंदू संगठनों की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई. ऐसा माना जाता है कि मोनू मानेसर के बयान के बाद मामन खान और उनके समर्थकों की तरफ से भड़काऊ बयान दिए गए और उसका असर यह हुआ कि मेवात जलने लगा.


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इस तरह मामला भड़का


मामला 31 जुलाई का है. विश्व हिंदू परिषद की शोभा यात्रा के विषय में मोनू मानेसर(monu manesar) ने कहा था कि वो भी अपने समर्थकों के साथ मेवात आएगा. जब उसका वीडियो वायरल हुआ तो मेवात के पंचों और प्रधानों ने विरोध करना शुरू कर दिया. इस बीच फिरोजपुर झिरका से कांग्रेसी विधायक मामन खान भी कूद पड़े. उन्होंने कहा कि आप लोगों को किसी के आने से चिंता करने की जरूरत नहीं है, उन्होंने ना सिर्फ विधानसभा में लड़ाई लड़ी थी बल्कि मेवात में भी लड़ाई लडेंगे. उनके इस पोस्ट के बाद माहौल गरमाया.


जयपुर से मामन खान की गिरफ्तारी हुई


मामन खान की गिरफ्तारी पर नूंह के एसपी ने कहा कि बडकली चौक पर हिंसा, आगजनी और लूटपाट के साथ साथ सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ के लिए विधायक का नाम सामने आने के सबूत मिले हैं और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. नूंह के एसपी ने कहा था कि वो लगातार अपने समर्थकों के साथ संपर्क में थे. पुलिस ने अपनी जांच प्रक्रिया को तेज की और उसके बाद मामन खान की जयपुर से गिरफ्तारी हुई. हरियाणा पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर ही गिरफ्तारी की गई है. मामन खान की गिरफ्तारी में राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है.