UP: नदीम के खतरनाक इरादों का पर्दाफाश, पाकिस्तान से सीधे मिल रहे थे दहशत फैलाने के ऑर्डर
UP News: आतंकी मोहम्मद नदीम का उद्देश्य अलग-अलग जगहों पर आतंकवादी घटना को अंजाम देने का था. नदीम कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ा था, जिससे वह आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे सके.
Nupur Sharma: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार जैश ए मोहम्मद और तहरीक ए तालिबान के आतंकी नदीम के मंसूबे बेहद खतरनाक थे. वह चार साल से खुद को आतंकी घटनाओं के लिए तैयार कर रहा था. गिरफ्तारी के बाद से नदीम के बारे में हर एक जानकारी हासिल करने के लिए जांच एजेंसियां तेजी से कार्रवाई कर रही हैं. इस क्रम में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि आतंकी नदीम नूपुर शर्मा को मारने के साथ-साथ और भी कई खतरनाक साजिशों को अंजाम देने की फिराक में था. आतंकी के फोन से कई खुलासे हुए हैं.
2018 से ले रहा था आतंकी बनने की क्लास
आतंकी मोहम्मद नदीम का उद्देश्य अलग-अलग जगहों पर आतंकवादी घटना को अंजाम देने का था. नदीम कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ा था, जिससे वह आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे सके. 2018 में नदीम का पाकिस्तान के आतंकवादी हकीमुल्लाह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर परिचय हुआ. हकीमुल्लाह ने उसका परिचय सैफुल्लाह से करवाया. सैफुल्लाह ने उसका कई पाकिस्तान, बांग्लादेश, UAE में स्थित कट्टरपंथी तत्वों से परिचय करवाया. इसके बाद सफीउल्लाह से लगातार नदीम चैट करने लगा.
नदीम की टारगेट लिस्ट
नदीम ने अपनी डिजिटल फुटप्रिंट्स छिपाने के लिए कई फेक जीमेल अकाउंट और टेलीग्राम आईडी क्रिएट की. नदीम का फेक जी मेल, वर्चुअल आईडी, टेलीग्राम आईडी बनाकर पाकिस्तान भेजी गई. इसके अतिरिक्त लोन वुल्फ अटैक चाकू द्वारा करने के लिए नदीम को ट्रेनिंग भी दी गई. इसके लिए नदीम द्वारा कुछ टारगेट भी चिह्नित किए गए थे. नदीम अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कई आतंकी हैंडलर्स के संपर्क में था.
मोबाइल पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे
नदीम के मोबाइल की पड़ताल में कई अहम खुलासे हुए हैं. वह पाकिस्तान से भेजी गई किताब को पढ़कर फिदायीन बन रहा था. आतंकी नदीम के टेलीग्राम पर पाकिस्तान के नंबर से 70 पेज की हिंदी और उर्दू में लिखी एक्सप्लोजिव कोर्स, फिदायीन हमले और आईईडी बनाने की बुकलेट भेजी गई थी. नदीम के बनाए गए टेलीग्राम ग्रुप पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सीरिया के भी कई नंबरों से लोग जुड़े थे.
पढ़ने में काफी अच्छा था नदीम
जी मीडिया की टीम सहारनपुर के उस मदरसे में भी पहुंची, जहां से नदीम ने 8 वर्ष की उम्र से 11 वर्ष की उम्र तक उर्दू की तालीम ली. अरबी इस्लामिया मदरसे के कारी ने कहा कि वह पढ़ने में काफी अच्छा छात्र था. तीन साल में उसने उर्दू की तालीम ली थी. नदीम ने हिंदी और अंग्रेजी की तालीम मदरसे के बाहर से. बचपन में कभी लगा नहीं कि नदीम आतंकी गतिविधि में संलिप्त हो सकता है.
नदीम के रिश्तेदार पाकिस्तान में
आतंकी नदीम के यूपी के कुंडा में कला गांव का रहने वाला है. नदीम के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं, जिनसे पूरा परिवार संपर्क में था. फोन पर पाकिस्तान में बातें भी होती थीं. गांव वालों ने बताया कि नदीम का नाम तक लोगों को नही पता था. वो हमेशा अकेले में रहता था और ज्यादा किसी से घुलता मिलता नहीं था.
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