बिहार में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की एंट्री के बाद उनके दरबार को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. तमाम राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता धीरेंद्र शास्त्री पर वार-पलटवार कर रहे हैं. इस बीच राजधानी पटना में लगे उनके पोस्टर पर कालिख पोती गई है. यही नहीं, उनके पोस्टर पर कई आपत्तिजनक शब्द भी लिखे गए हैं. आज उनके दरबार का पटना में आखिरी दिन है. ऐसे में पोस्टर पर हुड़दंगियों द्वारा लिखे गए अपशब्दों को लेकर एक नया बवाल होना तय माना जा रहा है.


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दरअसल, बाबा बागेश्वर के पोस्टरों पर राजधानी पटना के दो अलग-अलग जगहों पर कालिख पोती गई है. पटना के डाकबंगला चौराहे को पटना के व्यस्ततम इलाकों में से एक माना जाता है. यहां भी बाबा के कई पोस्टरों पर असामाजिक तत्वों ने कालिख पोती है. कालिख पोतने के साथ-साथ असामाजिक तत्वों ने बाबा के पोस्टर पर 420 और चोर तक लिखा है.


दरअसल, पटना में धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमंत कथा के जरिये भक्तों से संवाद किया और उन्हें कथा सुनाई. बीच-बीच मे उन्होंने हंसी विनोद के जरिये कई महत्वपूर्ण बातें कही. भगवान के भजन के जरिये श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. वहीं नौबतपुर के तरेत पाली गांव में उन्होंने भोजपुरी में भी भजन सुनाए, जिसमें भक्तों ने उनके साथ सुर में सुर मिलाया.


उन्होंने अपने भक्तों से कहा, 'मुझे कोई गाली दे तो परेशान मत होना, लेकिन एक बात मैं और कहूंगा कि हिंदुओं को गाली दें तो तैयार रहना होगा. साधु संतों का अपमान अब और नहीं होगा. गीता, रामचरितमानस का अपमान अब और नहीं होगा.'


धीरेंद्र शास्त्री के दरबार के आयोजन पर पहले ही सियासी बवाल शुरू हो गया था. इस दौरान उन्होंने कहा, 'आयोजन का विरोध करने वालो की भी जय. हमारा जो संकल्प है वह भी बिहार से ही पूरा होता दिख रहा है. यहां की 13 करोड़ लोगों में से 5 करोड़ लोग ही अपने घरों के बाहर ध्वज लगा लेंगे तो देश हिन्दू राष्ट्र हो जाएगा. हम यहां जगाने आये हैं, रामचरित मानस, माथे पर तिलक और घर पर ध्वज लग जाये तो काम हो जाएगा.'


धीरेंद्र शास्त्री के इन बयानों के बाद आरजेडी और जेडीयू नेताओं ने उनके खिलाफ जमकर आग उगला. लालू यादव इस पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कौन बाबा, ये कौन है? वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इनकी बातों की कोई वैल्यू नहीं है, ये देश संविधान से चलेगा.