OMG! केरल पुलिस ने इलेक्ट्रिक स्कूटर का काटा चालान, वजह जानकर आप रह जाएंगे हैरान
Kerala Police: इलेक्ट्रिक स्कूटर मालिक पर जुर्माना लगाने की वजह से केरल पुलिस की एक टीम को मुश्किल में फंस गई क्योंकि उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. ई चालान की कॉपी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
Electric Scooter Fined: पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं दिखा पाने पर एक इलेक्ट्रिक स्कूटर मालिक पर जुर्माना लगाना केरल पुलिस की एक टीम के लिए मुश्किल की वजह बन गया है क्योंकि उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. पुलिस ने दावा किया कि मलप्पुरम जिले में एक पुलिस दल द्वारा ₹ 250 का यातायात अपराध टिकट (Traffic Offence Ticke) जारी करते समय यह एक टाइपिंग गलती थी.
पिछले हफ्ते की घटना
यह घटना तब हुई जब पुलिस टीम ने पिछले सप्ताह करुवरकुंडु (Karuvarakundu) पुलिस थाने (police station) के नीलांचेरी (Neelanchery) में वाहनों को रोका और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने में विफल रहा. उन्होंने कहा, "उनके पास न तो कोई प्रिटिंड डॉक्यूमेंट था और न ही लाइसेंस की सॉफ्ट कॉपी. हालांकि, टिकट जारी करते समय, अधिकारी ने मशीन में एक गलत अपराध संख्या (Offence Number) टाइप की और एक पीयूसी अपराध टिकट निकला (PUC Offence Ticket).”
'इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए लाइसेंस जरूरी'
इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि यह उन दोपहिया वाहनों के लिए जरूरी है जिनके पास रजिस्ट्रेशन नंबर है. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने का जुर्माना बहुत बड़ा है.
हालांकि, यह हैरानी की बात है कि जिस पुलिस अधिकारी ने राशि एकत्र की थी, न तो उसने या किसी अन्य अधिकारी ने इस गलती पर ध्यान पर दिया कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के सवारी करने जैसे गंभीर अपराध के लिए वाहन बुक किया और लेकिन स्कूटर चालक को बिना पीयूसी सर्टिफिकेट न दिखा पाने के लिए एक छोटा चालान काट दिया गया.
अब इलेक्ट्रिक स्कूटर और ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी ई-चालान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. सोशल मीडिया ई चालान की जो फोटो वायरल हो रही है उसके मुताबिक रसीद पर लिखा है- यह 250 रुपये का चालान पीयूसीसी ना होने पर काटा गया है. जुर्माना मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 213 (5) (ई) के तहत लगाया गया है.
(इनपुट-PTI इनपुट के साथ)
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