नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत हो चुकी है. नया साल नई उम्मीदें भी लेकर आया है. देश में तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है और कोरोना (Coronavirus) के केस भी बढ़े हैं. हालांकि इस बीच राहत देने वाली कई खबरें भी सामने आ रही हैं. 


हो रही ओमिक्रॉन की विदाई!


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देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले लगातार बढ़ तो रहे हैं लेकिन ज्यादातर में लक्षण बेहद हल्के देखे जा रहे हैंं. अच्छी बात ये है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित ज्यादा मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं. एम्स के डायरेक्टर खुद भी ये बात कह रहे हैं.


डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर तो आ रही है लेकिन इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि लोगों को अस्पताल और ऑक्सीज़न सपोर्ट की ज़रुरत पड़ेगी. डॉ गुलेरिया ने कहा कि हमें पिछली बार की गलतियां दोहरानी नहीं चाहिए और सतर्क रहना होगा. दिल्ली में कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है. शहर में केस तो बढ़ रहे हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में पिछली बार से कमी देखी गई है.


'दिल्ली में बच्चों के लिए 3 हजार बेड तैयार'


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अस्पतालों में अभी केस कम आ रहे हैं. ओमिक्रॉन के केस सीरियस नहीं है. अभी विदेश से जो लोग आ रहे हैं, उनको फाइव स्टार होटल में रखा जा रहा है. बच्चों के इलाज के लिए भी तैयारी पूरी है. इसके लिए शहर में 3 हजार बेड तैयार रखे गए हैं. 


दिल्ली की तरह यूपी में भी कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग की और कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही इलाज के इंतजाम दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए. 


'महाराष्ट्र में नहीं लगेगा लॉकडाउन'


मुंबई की बात करें तो वहां पर ओमिक्रॉन (Omicron) के केस में बढ़ोतरी तो हो रही है लेकिन अधिकतर मरीज होम क्वारंटीन में इसका इलाज करवा रहे हैं. महाराष्ट्र के स्वाथ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि राज्य में अभी फिलहाल कोई लॉकडाउन नहीं लगेगा और इसका डर भी लोगो को नहीं दिखाया जाए. हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलो को देखते हुए जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उन्हें कड़ा किया जा सकता है. 


दुनिया भर में हो रही स्टडी के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) से घबराने की जरूरत नहीं है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वेरिएंट डेल्टा जैसा जानलेवा नहीं है बल्कि दुनिया में कोरोना के खात्मे की पहली सीढ़ी है. 


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महामारी के अंत की शुरुआत का पहला चरण


ओमिक्रॉन (Omicron) को दुनिया भर के कई वैज्ञानिक महामारी के अंत की शुरूआत का पहला चरण मान रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब किसी देश मे 60 से 70% लोगों में इन्फेक्शन या टीके से एंटीबाडीज आ जाती है तो नया mutated वायरस अपने आप को कमजोर और शरीर के लिए कम घातक बनाने लगता है. हालांकि यह फैलता तेजी से है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा इंसानों के शरीर मे अपना घर बना ले. 


यानी ओमिक्रॉन (Omicron) से उतना घबराने की जरूरत नहीं, जितना खौफ डेल्टा वैरिएंट से था. फिर भी ओमिक्रॉन से बचाव के लिए सावधानी बेहद ज़रूरी है. दो गज की दूरी और मास्क बेहद जरूरी है.


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