नई दिल्‍ली: बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए इस साल प्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) होगी या नहीं इसे लेकर जल्‍द फैसला सामने आ सकता है. दरअसल, कोरोना (Corona) महामारी के चलते पिछले साल यह यात्रा रद्द कर दी गई थी. हालांकि, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha)ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इस बार यह यात्रा आयोजित की जा सकती है. 


पहले होगी सुरक्षा की समीक्षा 


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जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा को लेकर जल्‍द फैसला हो सकता है. सरकार जल्द ही वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा आयोजित करने को लेकर फैसला करेगी लेकिन इसके लिए पहले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की जाएगी. सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की जिंदगी बचाना है. 


इससे पहले सिन्‍हा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा बुलाई गई बैठक में भी हिस्सा ले चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी गई थी. साथ ही नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा की स्थिति भी बताई गई थी. 


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तय हुए किराए 


हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्‍से में स्थित बाबा अमरनाथ की गुफा में बर्फ से बनने वाले शिवलिंग के दर्शन करने के लिए होने वाली यात्रा इस बार आयोजित होने के और भी संकेत मिले हैं. इस यात्रा के लिए बालटाल से पवित्र गुफा तक घोड़ा, पालकी, पिट्ठू और तंबू आदि सेवाओं के लिए किराए भी प्रशासन ने तय कर दिए हैं. इसके तहत इस बार पवित्र गुफा और पंजतरणी में रात में रुकने के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को तंबू वालों को 780 से 1,050 रुपये तक किराया चुकाना पड़ेगा. यह यात्रा 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त को समाप्त होगी.