नई दिल्ली : वरिष्ठ जेडीयू नेता शरद यादव पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कल्पना कीजिए अगर ऐसे नेता संविधान की मसौदा समिति में शामिल होते तो महिलाओं की स्थिति क्या होती।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शरद यादव की एक टिप्पणी का संदर्भ लेते हुए स्मृति ने कहा, 'आज शरदजी जैसे बहुत वरिष्ठ सांसद ने एक बार फिर मुझे कहा- 'बैठ जाओ, बैठ जाओ'। कल्पना कीजिए कि इस तरह के नेता मसौदा समिति में अगर होते।' 


राज्यसभा में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए मंत्री ने कहा कि भारत की नारी होने के नाते वह इस बात की प्रशंसा करती हैं कि दुनिया के कई देशों में महिलाओं को जहां मतदान के अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा वहीं भारत में उन्हें यह अधिकार संविधान ने दिया।


स्मृति ने कहा, 'लेकिन कल्पना कीजिए, जैसा कि सदन के नेता ने कहा कि जब इसका मसौदा बनाया जा रहा था तब इतने वरिष्ठ सांसद मेरे जैसी किसी महिला पर किस तरह की पाबंदी लगाते। क्या मुझसे कहा जाता, ‘आपका रंग सांवला है, इसलिए आपको मतदान का अधिकार नहीं है? क्या मुझे कहा जाता कि आपके बाल छोटे हैं तो आपको मतदान का अधिकार नहीं है।' 


उन्होंने कहा, 'मुझे दिखाई दे रहा है कि मेरी बात से कुछ लोग परेशान हैं। लेकिन आज इस सदन में गिनाई गईं सामाजिक हकीकतों से अलग हमें इस सच्चाई को भी मानना होगा कि इस तरह की वास्तविकता के शिकार लोग केवल इस सदन के बाहर नहीं हैं, बल्कि हमने इसी सदन में भी यह देखा है।'