Hathras Lok Sabha Seat: कवि काका हाथरसी की धरती पर सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. राम मंदिर आंदोलन के बाद से इस सीट पर बीजेपी का दबदबा बरकरार है. इस बार सीट के समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं.
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Hathras Lok Sabha Seat: हाथरस लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को वोट डाले जाएंगे. कवि काका हाथरसी की धरती पर सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. राम मंदिर आंदोलन के बाद से इस सीट पर बीजेपी का दबदबा बरकरार है. 2009 में यहां रालोद जीती थी लेकिन तब भी वह बीजेपी की सहयोगी थी. इस बार सीट के समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं.
सिटिंग सांसद का कटा टिकट
2019 में यहां से बीजेपी के टिकट पर राजवीर सिंह दिलेर सांसद बने थे. उन्होंने सपा प्रत्याशी रामजीलाल सुमन को करीब 2.5 लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी. 2014 में मोदी लहर में भी हाथरस में कमल खिला था. ब यहां से राजेश दिवाकर बीजेपी के टिकट पर सांसद बने थे. उन्होंने बसपा के मनोज सोनी को 3 लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी.
बाहरी प्रत्याशियों पर दांव
सिटिंग सांसद राजवीर सिंह दिलेर के पिता भी यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काटकर अनूप वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है. सपा ने यहां से जसवीर वाल्मीकि को टिकट दिया है. जबकि बसपा ने यहां से हेमबाबू धनगर पर दांव लगाया है. दिलचस्प बात यह है कि तीनों प्रमुख सियासी दलों ने बाहरी उम्मीदवारों पर दांव लगाया है.
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी अनूप वाल्मीकि
बीजेपी ने हाथरस सीट से अनूप वाल्मीकि को टिकट दिया है. वह अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से विधायक है. साथ ही योगी सरकार में राजस्व राज्यमंत्री हैं. अनूप से उम्मीद लगाई जा रही है कि वह वाल्मीकि वोटरों के साथ ही ओबीसी और सवर्ण वोटरों को बीजेपी के पाले में रखने में कामयाब रहेंगे. इसी फॉर्मूले से बीजेपी को बीते चुनाव में जीत मिली थी.
कौन हैं सपा प्रत्याशी जसबीर वाल्मीकि
सपा और कांग्रेस गठबंधन से यहां जसबीर वाल्मीकि मैदान में हैं. वह मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं. उनकी चाहत सपा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़ने की थी लेकिन तब यह पूरी नहीं हो पाई. सपा ने अब उनकी अधूरी इच्छा को पूरा करते हुए लोकसभा का टिकट दिया है. सपा को उम्मीद है कि वह बीजेपी के वाल्मीकि वोटरों में सेंधमारी के साथ ही यादव और मुस्लिम वोटरों को साधने में कामयाब रहेंगे.
बसपा का हेमबाबू पर दांव
बसपा ने यहां से हेमबाबू धनगर को प्रत्याशी बनाया है. धनगर आगरा जिले के रहने वाले हैं. हाथरस सीट पर दलित वोटरों की संख्या चार लाख के करीब है. इसमें से 2 लाख 35 हजार जाटव वोटर हैं. बसपा को उम्मीद है कि धनगर वोट के साथ दलित और मुस्लिम वोटरों का भी साथ मिलेगा.
हाथरस लोकसभा क्षेत्र के आंकड़े
हाथरस सीट पर वोटरों की संख्या करीब 19.30 लाख है. इसमें पुरुष मतदाता करीब 10.34 लाख और 8.95 लाख महिला वोटर हैं. हाथरस संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें छर्रा, इगलास, हाथरस, सादाबाद, सिकंदराराऊ शामिल है. इनमें से चार सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं जबकि एक सीट सादाबाद पर रालोद विधायक है.