नवरात्र और श्राद्ध के बाद प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. बीते तीन दिनों में फुटकर बाजार में प्याज की कीमत 55 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जो बीते सप्ताह की तुलना में 14 रुपये प्रति किलो अधिक है. थोक बाजार में भी प्याज की कीमतें 35 से 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जो बीते सप्ताह की तुलना में सात से आठ रुपये प्रति किलो अधिक है. ऐसे में सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को इस प्रमुख सब्जी के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय कर दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा कि विदेश भेजे जाने वाले प्याज का एमईपी 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है. सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है. कम आपूर्ति के कारण राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं.


प्याज महंगा होने का कारण?
यह उछाल कई कारणों से हो रहा है, जिनमें मौसम की मार, आयात में कमी और मांग में वृद्धि शामिल हैं. मौसम की मार से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है, जिससे आयात में कमी आई है. वहीं, मांग में वृद्धि के कारण प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं. प्याज की कीमतों में वृद्धि से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. प्याज एक आवश्यक सब्जी है और इसका उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है। कीमतों में वृद्धि से लोगों का बजट बिगड़ रहा है.


दिल्ली एनसीआर में क्या है दाम?
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है. वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर है. स्थानीय विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं.