Operation कलंक: कैसे बन जाता है विदेशी `सेक्स वर्कर` का आधार कार्ड? घुसपैठियों को बसाने की साजिश का DNA टेस्ट
India-Bangladesh Border: बांग्लादेश से लाई गई लड़कियों को एजेंट पश्चिम बंगाल के किसी गांव में अपने नेटवर्क से जुड़े किसी व्यक्ति के घर पर रखते हैं. वहां ग्राम पंचायत के जरिए धोखाधड़ी से उसका परिचय पत्र और एड्रेस प्रूफ बनाया जाता है.
Border Sex Trafficking: रिपोर्टर- आप कहां से हैं ? बांग्लादेशी हैं या इंडिया से हैं?
उस्मान (एजेंट) - मैं तो बांग्लादेश से हूं.
उस्मान (एजेंट) - पर कोई बोलेगा नहीं...मैं बांग्लादेश से हूं. मेरा घर बॉर्डर पर है एकदम. इधर का मेरा सब कुछ (आईडी) है)
कोलकाता से फोन जाता है, बांग्लादेश से लड़की आती है
रिपोर्टर- मेरी बात तो सुनो...मुझे बांग्लादेशी लड़की मिल जाएंगी ?
एजेंट- मिल जाएगी...बांग्लादेशी ही मिलेगी
रिपोर्टर- पक्का ना ? कितने दिनों में...एक महीने में हो जाएगा ?
एजेंट- आप टेंशन मत लो...एक महीना में तो आराम से हो जाएगा
रिपोर्टर- मैडम, मोटा मोटी कितना खर्च होगा एक लड़की को बुलाने में ?
एजेंट- 25 हजार पकड़ लो
रिपोर्टर- और आईडी प्रूफ का ?
एजेंट- उसका अलग देना होगा)
एजेंट- यहां नीचे एक मैडम है ना...उसको दे देंगे...वो सब कुछ कर देती है, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वीजा सब कुछ कर देती है.
रिपोर्टर- ये कौन मैडम है ?
एजेंट- यहीं पर नीचे...मैडम है. पैसा देगा तो 'बाघ का दूध' भी मिल जाएगा.
ये सिर्फ ट्रेलर था. बांग्लादेश से भारत में मानव तस्करी से जुड़ा जो खुलासा हम आपको बताने वाले हैं. उसे देखकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी. आज हम आपको बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ और मानव तस्करी का वो सच बताएंगे जिसके तार कोलकाता से लेकर दिल्ली और मुंबई से लेकर जयपुर तक जुड़े हैं. इस इंटरनेशनल डर्टी बिजनेस से जुड़े खिलाड़ियों ने ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर जो कबूलनामा दिया है वो राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़े हैं.
हमारे इस स्टिंग ऑपरेशन का आधार क्या है..सबसे पहले आपको ये बता देते हैं...
BSF की एक स्टडी में खुलासा हुआ था कि पिछले दशक में 12 से 30 साल उम्र के 5 लाख से ज्यादा बांग्लादेशी महिलाओं और बच्चों को अवैध रूप से भारत भेजा गया है. करीब 50 हजार बांग्लादेशी लड़कियां, मानव तस्करी का शिकार होकर हर साल भारत पहुंच रही हैं. बांग्लादेश से नाबालिग बच्चों और लड़कियों को भारत में बंधुआ मजदूर के तौर पर काम कराने के लिए लाया जाता है.
बांग्लादेश से भारत में मानव तस्करी के जरिये लड़कियों के पहुंचने का ये आंकड़ा अपने आप में गवाही देता है कि बांग्लादेश से मानव तस्करी का कारोबार अब एक संगठित उद्योग में बदल चुका है. और बांग्लादेश से मानव तस्करी करने वाले गिरोहों के नेटवर्क पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला चुका है. ज़ी न्यूज़ के अंडरकवर रिपोर्टर ने इसी नेटवर्क में घुसकर जो सच बाहर निकाला है. उसका पार्ट वन अब हम आपको दिखाते हैं...
कोलकाता का बहूबाजार...ये वो बदनाम गलियां हैं, जहां आने से लोग बचते हैं. यहां रेड लाइट एरिया में सैकड़ों सेक्स वर्कर्स काम करती हैं. जी न्यूज़ की टीम को पता चला कि बांग्लादेशी लड़कियों को अवैध तरीके से लाकर उनके जरिए सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है...
देह व्यापार के दलाल बांग्लादेशी लड़कियों का वोटर कार्ड या आधार कार्ड भी बनवा देते हैं. इसके बाद कोलकाता समेत देश के तमाम बड़े शहरों में उन लड़कियों को जिस्मफरोशी के लिए भेजा जाता है. और इस डर्टी बिजनेस का एक बड़ा अड्डा है बहू बाजार. इसलिए हमारे स्टिंग ऑपरेशन का पहला पड़ाव कोलकाता का बहू बाजार ही बना. मानव तस्करी, घुसपैठ, जिस्मफरोशी के खतरनाक ट्रायंगल का खुलासा करने के लिए ज़ी मीडिया की टीम बहू बाजार पहुंची. यहां हमें एक ऐसे शख्स की तलाश थी जिसके जरिए हम इस साज़िश की तह तक पहुंच सकें.
कई दिनों तक कोशिश के बाद हमारी मुलाकात एक ऐसे एजेंट से हुई, जो बहू बाजार में इंटरनेशनल सेक्स रैकेट से जुड़ा था. इस एजेंट ने हमें बहू बाजार में एक बड़ी एजेंट से मिलवाया, जिसका सीधा कनेक्शन बांग्लादेश से है.
ज़ी मीडिया रिपोर्टर ने अपना परिचय गाजियाबाद के एक बिजनेसमैन के रूप में दिया, जिसे अपने होटल के लिए लड़कियों की जरूरत थी. बातचीत के दौरान वो एजेंट भी साथ था, जिसने हमें इस महिला से मिलवाया.
रिपोर्टर- सुनिए, मेरी बात सुनिए. Basically मेरा भी यही काम है तो अभी थोड़ा बंद सा हो गया है...मेरा गाजियाबाद में अपना होटल है.
एजेंट- अपना होटल है ?
रिपोर्टर- 22-23 कमरे होटल में है...
रिपोर्टर- हां, हम लोग करते क्या हैं कि लड़कियों को अपने यहां जॉब दे देते हैं... नौकरी दे देते है.. होटल में, कागजों में, डॉक्यूमेंट में दिखाने के लिए किसी को वेटर बना दिया...किसी को रूम सर्विस में रख देते हैं. लेकिन काम हमारा भी यही होता है. अंदर काम ही होता है सेक्स का.
एजेंट- ठीक है
रिपोर्टर- उसमें ये होता है कि अगर पुलिस भी आती है तो यह हमारा स्टाफ है... बकायदा सैलरी उनके अकाउंट में हम देते हैं. सैलरी देना होगा ना हमें...अगर हम आपको नौकरी दे रहे हैं...तो सैलरी देना होगा.
बातचीत आगे बढ़ी...बहू बाजार की महिला एजेंट को हम पर थोड़ा भरोसा हुआ तो उसने अपने पत्ते खोलने शुरू किए. उसने माना कि वो देह व्यापार के लिए बांग्लादेश से लड़कियां मंगवाती थी.
रिपोर्टर- जो भी खर्चा आप बताओगे...हमें करीब 10 से 15 लड़कियां चाहिए
एजेंट- इतनी लड़कियां ?
रिपोर्टर- जाएं तो कम से कम 3 महीना काम करें आराम से
एजेंट- इतनी लड़की हमारे पास नहीं मिलेगी. ठीक है...जितनी लड़की है उतना ही हम आपको बता पाएंगे
रिपोर्टर- कितनी लड़की है आपके पास ?
एजेंट- 5-6 हो जाएंगी.
रिपोर्टर -5-6 हो जाएंगी ?
एजेंट- मेरे पास है लड़की...पर मेरा नहीं है...मेरी सहेली का है
रिपोर्टर -सहेली ?
एजेंट- हां
रिपोर्टर- मुझे basically लड़की बांग्लादेशी ही चाहिए
एजेंट -बांग्लादेशी
रिपोर्टर- बांग्लादेशी मिल जाएंगी?
एजेंट- हां...हां बांग्लादेशी
आपने सुना, कोलकाता के बहू बाजार में देह व्यापार से जुड़ी महिला एजेंट ने खुफिया कैमरे के सामने साफ कहा कि वो छह बांग्लादेशी लड़कियों को गाजियाबाद भेज देगी.
इसके बाद जो खुलासा उसने किया, वो और भी चौंकाने वाला है. उसने दावा किया कि वो सभी बांग्लादेशी लड़कियों के लिए भारतीय पहचान पत्र का इंतजाम भी कर देगी.
रिपोर्टर- अच्छा, कितनी लड़की अभी आपके पास काम कर रही है ?
एजेंट- मुझे बहुत साल हो गए काम करते हुए
रिपोर्टर- आईडी प्रूफ सबका बना हुआ है?
एजेंट- सब कुछ है...मैं यहीं खुद बनवा लूंगी...तुमको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.
रिपोर्टर- तो क्या डॉक्यूमेंट बनाने के लिए मुझे पैसा देना होगा ?
एजेंट- क्या?
रिपोर्टर- डॉक्यूमेंट बनाने के लिए मुझे पैसा देना होगा ?
एजेंट- मैं तुम को बता दूंगी
बहू बाजार की महिला एजेंट को पता नहीं था कि उसकी जुबान से निकला हर शब्द कैमरे में रिकॉर्ड हो रहा था. इसलिए वो बेहिचक अपनी बात कह रही थी. पहले उसने 6 लड़कियों की बात की...अब उसने दावा किया कि उसके पास 16 लड़कियां हैं.
एजेंट- एक बात बताती हूं...मेरे पास 16 लड़कियां हैं
रिपोर्टर- 16 (लड़कियां) ?
एजेंट- 16 लड़कियां हैं...ठीक है..बांग्लादेशी 6 लड़कियां हैं और इंडिया की 6 लड़कियां अभी हैं. अभी एक लड़की को दीघा में भेजना है. अभी बात हुई है.
महिला एजेंट ने एक लड़की के बदले डेढ़ लाख रुपये की डिमांड की
रिपोर्टर- तो कितना एडवांस चाहिए...मुझे बताओ आप
एजेंट- लड़की का महीने में डेढ़ लाख रु. चाहिए
दूसरा एजेंट- महीने में डेढ़ लाख रु. मांग रही है वो
रिपोर्टर- लड़की मांग रही है ? आप भी कुछ लोगे ?
एजेंट- मेरा कुछ नही हैं...लड़की लोगों को देगा...उसी में मेरा भी है
दूसरा एजेंट- ये उधर से ही ले लेगा.
अब तक साफ हो चुका था कि कोलकाता में सक्रिय सेक्स रैकेट के एजेंट और बांग्लादेशी एजेंट के बीच गहरी साठगांठ है. ये दोनों मिलकर इस गंदे धंधे को चलाते हैं. ये बांग्लादेश के गरीब और मजबूर परिवार की लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं..फिर उन्हें बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल लाया जाता है.
लेकिन एक सवाल अभी बाकी था कि आखिर देह व्यापार के दलाल बांग्लादेश से लाई गई लड़कियों के लिए इंडियन आईडी प्रूफ का इंतजाम कैसे करते हैं. बातचीत आगे बढ़ी तो हमने बहू बाजार की महिला एजेंट से इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की.
रिपोर्टर- अच्छा ये बताइए...बांग्लादेश से जो लड़कियां आती होंगी...उनके सब एजेंट होते होंगे ना.
एजेंट-- हां, हां
रिपोर्टर- ये भी अच्छा मोटा काम हो गया है...
एजेंट- नहीं, मेरे लिए बहुत रिस्क है. लड़की आती है ना...वहां से बहुत रिस्क है उसमें
रिपोर्टर- रिस्क किस बात का ?
एजेंट- बहुत रिस्क है.. तुमको कोई रिस्क नहीं है...हम वहां से लेकर आए और तुमको दे देगा... तुमको कोई रिस्क नहीं है
रिपोर्टर- अच्छा, आप खुद जाओगे वहां लेने ?
एजेंट- नहीं, मेरा फोन पर contact हो जाता है
रिपोर्टर- आईडी प्रूफ कहां से बनता है...इन लोगों का यहां बन जाता है ?
एजेंट- हां
रिपोर्टर- कैसे ?
एजेंट- यहां नीचे एक मैडम है ना...उसको दे देंगे...वो सब कुछ कर देती है, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वीजा सब कुछ कर देती है.
रिपोर्टर- ये कौन मैडम है ?
एजेंट- यहीं पर नीचे...मैडम है. पैसा देगा तो 'बाघ का दूध' भी मिल जाएगा.
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ये एजेंट पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कह रही है कि वो बांग्लादेशी लड़कियों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड और यहां तक कि पासपोर्ट भी बनवा देगी. इसका इंतजाम भी बहू बाजार में है. बदले में उसे मुंहमांगे पैसे चाहिए. एक बार फिर सुनिए उसका ये कबूलनामा.
रिपोर्टर- आईडी प्रूफ कहां से बनता है...इन लोगों का यहां बन जाता है ?
एजेंट- हां
रिपोर्टर- कैसे ?
एजेंट- यहां नीचे एक मैडम है ना...उसको दे देंगे...वो सब कुछ कर देती है, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वीजा सब कुछ कर देती है.
रिपोर्टर- ये कौन मैडम है ?
एजेंट- यहीं पर नीचे...मैडम है. पैसा देगा तो 'बाघ का दूध' भी मिल जाएगा.
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान बहू बाजार की महिला एजेंट की जुबान से निकले ये शब्द अलार्म की तरह हैं, जो बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के बड़े खतरे की ओर आगाह कर रहे हैं...ये साजिश सिर्फ सेक्स रैकेट तक सीमित नहीं है. अगर इस महिला एजेंट का दावा सच है तो बांग्लादेशी सेक्स वर्कर्स के आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनवाकर उन्हें भारतीय पहचान दी जा रही है. ये विदेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने का बहुत बड़ा षड्यंत्र है, जिसे वक्त रहते रोकने की जरूरत है.
ये बांग्लादेश से भारत में मानव तस्करी का वो सच है जिसकी तह तक पहुंचा है ज़ी न्यूज़. टीवी पर पहली बार आप मानव तस्करी के इंटरनेशनल नेटवर्क के खिलाड़ियों की जुबानी इस डर्टी बिजनेस का सच देख रहे हैं . ज़ी न्यूज़ के स्टिंग में महिला एजेंट ने तीन बड़े खुलासे किये .
खुलासा नंबर 1 - छह बांग्लादेशी लड़कियों को गाजियाबाद भेज देगी .
खुलासा नंबर 2 - एक बांग्लादेशी लड़की के लिए हर महीने डेढ़ लाख रुपये देने होंगे .
खुलासा नंबर 3 - बांग्लादेशी लड़कियों का आधारकार्ड-वोटर कार्ड और पासपोर्ट भी बनवा देगी
अगर ज़ी न्यूज़ के कैमरे में रिकॉर्ड महिला एजेंट का दावा सही है तो ये मामला सिर्फ मानव तस्करी का नहीं है.बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा है. सवाल ये है कि सीमापार से तस्करी कर भारत भेजी जाने वाली बांग्लादेशी लड़कियों के पास आधार कार्ड से लेकर वोटर कार्ड तक और आईडी प्रूफ से लेकर एड्रेस प्रूफ तक तमाम वो दस्तावेज कैसे पहुंच जाते हैं...जो किसी व्यक्ति के भारतीय नागरिक होने का प्रमाण होता है . ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर अब आप जिस शख्स का कबूलनामा सुनेंगे . वो इस खेल का बड़ा खिलाड़ी है.
कोलकाता में पड़ताल के दौरान हमें को पता चला था कि पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना के काकीनारा में एक एजेंट है, जो बांग्लादेश से देह व्यापार के लिए लाई गई लड़कियों के लिए भारतीय आईडी प्रूफ बनाता था.
इस एजेंट का नाम संजीत दास है. लेकिन शातिर संजीत दास तक पहुंचना आसान नहीं था. इसके लिए हमने एक और एजेंट की मदद ली. काफी कोशिश के बाद हम संजीत दास से मिलने में कामयाब हुए. हम संजीत दास के ठिकाने पर उससे मिलना चाहते थे लेकिन उसने हमें काकीनारा में कल्याणी हाईवे के पास बुलाया. वहीं एक गाड़ी में संजीत दास से हमारी बातचीत हुई. कोलकाता के बहू बाजार की तरह यहां भी ज़ी मीडिया रिपोर्टर ने अपना परिचय गाजियाबाद के एक होटल व्यवसायी के रूप में दिया.
संजीत दास ने दावा किया कि वो बांग्लादेशी सेक्स वर्कर्स के लिए डुप्लीकेट और ऑरिजिनल...हर तरह का आईडी प्रूफ बना सकता है. संजीत ने इसका फर्क भी बताया
संजीत दास (एजेंट)- Duplicate बनाना होगा तो एक हफ्ता में मिल जाएगा... Duplicate हमारे पास उपलब्ध है..अभी- अभी
रिपोर्टर -Duplicate का क्या मतलब है ?
संजीत दास (एजेंट)-Duplicate का मतलब है कोई स्कैन करेगा तो प्रूफ नहीं आयेगा...
रिपोर्टर- मतलब कि प्रिंट आउट निकालकर देते होंगे आप लोग...
संजीत दास (एजेंट)- प्रिंट आउट निकाल के देता हूं वो तो है...अगर Original करना होगा तो फोन नंबर में OTP आएगा...ठीक है.
स्टिंग ऑपरेशन में संजीत दास की जुबान से निकले ये शब्द काफी चौंकाने वाले थे क्योंकि वो सिर्फ नकली आधार कार्ड या वोटर कार्ड बनाने की बात नहीं कर रहा था. उसका दावा था कि वो असली आधार कार्ड भी बनवा सकता है. हमने उससे पूछा कि वो ये काम कैसे कर सकता है. इस पर संजीत दास ने क्या खुलासा किया, वो भी देखिए.
रिपोर्टर- तो Original का क्या ऑप्शन है ?
संजीत दास (एजेंट)- Original का ऑप्शन है...देखिए स्कूल सर्टिफिकेट है ना... स्कूल सर्टिफिकेट बनाना होगा किसी को पिता और माता बनाना होगा...ठीक है... सारा प्रूफ लेकर कंप्यूटर में डालना होगा...इसके बाद फोन पर OTP आएगा... फोन करके बताऊंगा OTP नंबर...फिर जिस आदमी का बनाना होगा उसका फिंगर प्रिंट लगेगा 10 उंगली का लगेगा...यही मतलब है. बहुत चाप (मुश्किल) है. मतलब कि प्रूफ जो निकलता है ना...स्कूल सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट सब निकाल कर कंप्यूटर में डालना होगा.
दूसरा एजेंट- पूरा Original आएगा... इधर के किसी आदमी को 'पिता-माता' बना देगा.
संजीत दास ने दो लोगों का कथित रूप से असली आधार कार्ड बनवाने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की.
रिपोर्टर- हां, सारा डॉक्यूमेंट आपको हम दे देंगे...भाई साहब के WhatsApp पर हम भेज देंगे..सारी चीज दें देगे हम..
संजीत दास (एजेंट)- हम जो बोलते हैं ना.. मतलब कि 50 हजार रु. लगेगा दो लोगों का
रिपोर्टर - पहले मेरी बात सुनिए...मेरे पास दो लड़की है और दो लड़का है दोनों रंगपुर के हैं, रंगपुर बांग्लादेश में है ना..
संजीत दास (एजेंट)- रंगपुर बांग्लादेश में...रंगपुर ज़िला है
रिपोर्टर- हां...अभी ये लोग यहां डेढ़ महीने से रह रहे हैं. इनको मैं अपने साथ लेकर आऊंगा...गाजियाबाद में ले गया था....तो क्योंकि हम लोग जो स्टाफ रखते हैं ना...उसको अपने यहां कर्मचारी बना देते हैं.
यानी नॉर्थ 24 परगना के एजेंट संजीत दास के दावे पर यकीन करें तो वो सिर्फ 25 हजार रुपए में किसी बांग्लादेशी शख्स का ऑरिजनल आधार कार्ड बनवा सकता है.वो भी बाकायदा फिंगर प्रिंट और ओटीपी के साथ.
रिपोर्टर- तो मुझे उनका क्या-क्या देना होगा...बस फोटो ही देना होगा न ?
संजीत दास (एजेंट)- Duplicate कार्ड के लिए फोटो देना पड़ेगा...Original बनाना होगा तो भी फोटो देना होगा.
रिपोर्टर- तो उनको लेकर आना होगा यहां पर ?
संजीत दास (एजेंट)- नहीं, आप उनका फोटो भेज दीजिए...कोई बात नहीं
दूसरा एजेंट- Original करेगा तो भी फोटो लगेगा ना
संजीत दास (एजेंट)- अभी-अभी का करंट फोटो लगेगा
दूसरा एजेंट- नहीं...Duplicate में तो नहीं आएगा तो चलेगा
दूसरा एजेंट- Original जब बनाएगा तो आना पड़ेगा, उंगली का निशान देना होगा
संजीत दास (एजेंट)- हां, दो नंबर देना पड़ेगा...दोनों पर OTP जाएगा))
संजीत दास को ये एहसास नहीं था कि उसकी बातें खुफिया कैमरे में दर्ज होती जा रही हैं. हम ये जानना चाहते थे कि आखिर संजीत दास जैसा एजेंट किसी बांग्लादेशी का आधार कार्ड कैसे बनवा देता है. आधार कार्ड यूं ही नहीं बन जाता है. इसके लिए नियमों के मुताबिक आइडेंटिटी और एड्रेस का प्रूफ देना होता है.
ऐसे में किसी बांग्लादेशी घुसपैठिए का आधार कार्ड कैसे बन सकता है. संजीत दास ने बताया कि वो आधार कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेजों का इंतजाम भी फर्जीवाड़े से करता है. बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर स्कूल सर्टिफिकेट तक सब कुछ जाली होता है.
यहां तक कि जिस व्यक्ति का आधार कार्ड बनाया जाता है, उसके मां पिता की डिटेल भी फर्जी होती है. लेकिन उसकी फोटो और फिंगर प्रिंट असली होते हैं, क्योंकि इसके बिना आधार कार्ड बन नहीं सकता है. यानी संजीत दास असली और नकली प्रमाणों के घालमेल से आधार कार्ड तैयार करता है.
संजीत का दावा है इस तरह तैयार किए गए आधार कार्ड को आधार के पोर्टल पर वेरिफाई किया जा सकता है. संजीत के दावे अपनी जगह हैं लेकिन जाली डॉक्यूमेंट्स के सहारे बनाए गए आधार कार्ड को प्रामाणिक तो नहीं कहा जा सकता है.
संजीत दास ने इसके बाद जो कुछ कहा, उससे साबित हो गया कि वो इस रैकेट का पुराना और मंझा हुआ खिलाड़ी है. संजीत ने कहा कि हिंदू या मुस्लिम किसी भी नाम से आधार कार्ड बनवा सकता है. लेकिन उसने सलाह दी कि अगर हिंदू नाम से आधार कार्ड बनवाया जाए तो बेहतर होगा, क्योंकि उसके ख्याल में हिंदू नाम की वजह से घुसपैठिया होने का शक कम होगा.
रिपोर्टर- तो 4 लोगों का बनाना है सर, दो पुरुष और दो महिलाएं है
संजीत दास (एजेंट)- उन लोगों की उम्र कितनी है ?
रिपोर्टर- देखिए, जो लड़की है ना...उनकी उम्र 23 से 25 साल के बीच है.
संजीत दास (एजेंट)- 23 से 25 साल के बीच है. किसी भी नाम से बैठा हूं (बना दूं)...फोटो एक ही रहता है नाम कुछ भी हो सकता है.
संजीत दास (एजेंट)- नाम आप जो भी दे दो
रिपोर्टर- नाम आप जो भी दे दो.. हमें क्या दिक्कत है
दूसरा एजेंट- वो नाम से चला लेगा. वो हिंदू नाम देगा तो अच्छा रहेगा ना ?
रिपोर्टर- मुझे नहीं पता क्या दोगे...
संजीत दास (एजेंट)- कोई बात नहीं, हिंदू-मुस्लिम कोई बात नहीं
रिपोर्टर- वैसे, Generally क्या नाम देते है आप लोग...हिंदू (धर्म से जुड़ा नाम देते हैं) ?
संजीत दास (एजेंट)- हिंदू (नाम) देते हैं...कोई बात नहीं.
संजीत दास के दावों में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच हमने नहीं की है. लेकिन अगर उसके दावे सही हैं तो ये मामला काफी गंभीर है. ये देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
आजकल मोबाइल के सिम से लेकर बैंक में खाता खुलवाने और किराए का घर लेने तक के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है. संजीत दास जैसे लोग जिस घुसपैठिए का आधार कार्ड बनवाते हैं वो कोई आतंकवादी भी हो सकता है, जिसके हाथों में जाली आधार कार्ड भी साजिश का वो हथियार बन सकता है, जिसके सहारे वो तबाही के मंसूबों को अंजाम तक पहुंचा सकता है.
बांग्लादेश से अवैध तरीके से लाई जाने वाली लड़कियों का भारत में आधार कार्ड से लेकर वोटर आईडी कार्ड तक बन जाना सीधे-सीधे भारत के सिस्टम को चुनौती है. बांग्लादेशी लड़कियों के नकली भारतीय आईडी प्रूफ बनाने वाले एजेंट संजीत दास का दावा अगर सच है तो ये विदेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने का बहुत बड़ा षड्यंत्र है. एजेंट संजीत दास के खुलासे का मतलब ये है कि...
मानव तस्करी गैंग..बांग्लादेशी लड़कियों को भारत में सप्लाई करने से पहले बर्थ सर्टिफिकेट से लेकर स्कूल सर्टिफिकेट तक सब बनवा देते हैं. आधार कार्ड में बांग्लादेशी लड़कियों की सिर्फ फोटो और फिंगर प्रिंट असली होता है. बाकी सब डिटेल्स फर्जी डिटेल्स भरी जाती हैं.
बांग्लादेशियों के फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाने के लिए एजेंट सिर्फ 50 हजार रुपये लेते हैं. अंदाजा लगाइये कि बांग्लादेश से घुसपैठ करवाने वाले गिरोहों का नेटवर्क कितना संगठित है जो एक बांग्लादेशी को चंद हजार रुपये भारतीय नागरिकता के प्रमाण दे देता है, जिसे अंजाम देने वाले गिरोह देश के हर हिस्से में फैले हुए हैं.
बांग्लादेश से कोलकाता..कोलकाता से मुंबई..गाजियाबाद..दिल्ली...देश का कोई ऐसा कोना नहीं है..जहां बांग्लादेशी से मानव तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय ना हो . अब हम आपको अपने इस खुलासे का पार्ट थ्री दिखाते हैं . जिसमें जयपुर की एक महिला एजेंट का ज़ी न्यूज़ के खुफिया कैमरे पर दावा कर रही है कि वो 25 हजार रुपए में बांग्लादेशी लड़की को भारत बुला सकती है...और 2 हजार रुपए में उसका आईडी प्रूफ भी बनवा सकती है.
घुसपैठ और देह व्यापार का काला कारोबार राजस्थान से लेकर गुजरात तक फैला है. इस इंटरनेशनल रैकेट की पड़ताल के दौरान हमारी टीम को जयपुर में एक ऐसी महिला के बारे में जानकारी मिली, जो जिस्मफरोशी के लिए बांग्लादेशी लड़कियों को उपलब्ध करवाने का कॉन्ट्रैक्ट लेती थी.
ज़ी मीडिया रिपोर्टर ने एक बार फिर अपनी पहचान एक ऐसे होटल मालिक के तौर पर बताई, जिसे अपने व्यवसाय के लिए लड़कियों की जरूरत थी. इस महिला एजेंट ने फौरन वादा किया कि वो एक महीने के अंदर बांग्लादेशी लड़कियों का इंतजाम कर देगी.
रिपोर्टर- मेरी बात तो सुनो... मुझे बांग्लादेशी लड़की मिल जाएंगी ?
एजेंट- मिल जाएगी...बांग्लादेशी ही मिलेगी
रिपोर्टर- पक्का ना ? कितने दिनों में...एक महीने में हो जाएगा ?
एजेंट- आप टेंशन मत लो...एक महीना में तो आराम से हो जाएगा
रिपोर्टर- उन का आईडी प्रूफ कैसे बनेगा ?
एजेंट- मैं हूं ना...मैं हूं.
इस महिला एजेंट का पूरा सच सामने लाने के लिए ज़ी मीडिया रिपोर्टर ने कहा कि वो बांग्लादेशी लड़कियों को अपने होटल में नौकरी पर रखना चाहते हैं, जिसके लिए आईडी प्रूफ की जरूरत होगी. महिला एजेंट ने बेधड़क कहा कि वो विदेशी लड़कियों का परिचय पत्र भी बनवा देगी.
रिपोर्टर- मैडम, मोटा मोटी कितना खर्च होगा एक लड़की को बुलाने में ?
एजेंट- 25 हजार पकड़ लो
रिपोर्टर- वो मुझे ही देना होगा ना...वन टाइम ?
एजेंट- वन टाइम मतलब ?
रिपोर्टर- मतलब कि एक ही बार देना होगा ना 25 हजार रु. ?
एजेंट- 25 हजार रु...उसको वहां से यहां तक लाने का
रिपोर्टर- और आईडी प्रूफ का ?
एजेंट- उसका अलग देना होगा
रिपोर्टर- वह कितना देना पड़ेगा ?
एजेंट- आपको क्या क्या बनवाना है ? आधार कार्ड...PAN कार्ड ?
रिपोर्टर-- कुछ भी बनवा दो...ताकि मैं उसको सैलरी पर रख लूं
एजेंट- तो उसमें क्या चाहिए आप को ?
रिपोर्टर- अरे, होटल में स्टाफ रखूंगा मैं...तो मुझे आईडी प्रूफ दिखाना होगा
एजेंट- हां, तो उसका वोटर कार्ड ले लो
रिपोर्टर- तो वोटर कार्ड बनवाना पड़ेगा ना उनका
एजेंट- देखो कोई भी चीज बनवाओ. आधार कार्ड बनाओ. PAN कार्ड बनाओ या वोटर कार्ड बनाओ...दो-दो हजार लगेंगे.
रिपोर्टर- ठीक है. आपका चार्ज क्या होगा
एजेंट- मेरा चार्ज थोड़ा ज्यादा है
रिपोर्टर- नहीं. बताइए बताइए. अगर प्रोफेशनली काम कर रहा हूं तो प्रोफेशनली पैसा भी तो खर्च होगा मेरा. कमाऊंगा भी तो मैं.
एजेंट- मेरा मतलब कि लड़की दूं तो...
रिपोर्टर- हां
एजेंट- लड़की मतलब कि आप फिक्स लेना चाहते हो ?
रिपोर्टर- हां, एक साल के लिए आ जाए...6 महीना, एक साल के लिए आ जाए...
एजेंट- मैं आप को बता दूंगी.
रिपोर्टर- फिर भी अंदाज...मोटा मोटी बताएं
एजेंट- मोटा मोटी आप को 6 हजार रु. लगेंगे.. मेरा नहीं...मतलब मेरा, लड़की का मिला कर...क्योंकि लड़की को पेमेंट तो मैं ही करूंगी
रिपोर्टर- हां, पैसा मैं आपको दे दूंगा
एजेंट- पेमेंट तो मैं ही करूंगी
रिपोर्टर- सबका सैलरी एकाउंट खुलवा दूंगा. सब का एटीएम अकाउंट आप अपने पास रखना. लेकिन लड़की बांग्लादेशी ही आएगी ना ?
एजेंट- बांग्लादेशी ही आएगी
रिपोर्टर- उसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं ?
एजेंट- कहीं से भी लड़की आए...आपको मतलब नहीं है. लेकिन लड़की बांग्लादेशी ही होगी.
जयपुर में बांग्लादेशी लड़कियों का इस्तेमाल कर चलाए जा रहे देह व्यापार के रैकेट में शामिल इस महिला एजेंट ने दो बड़े खुलासे किए.
पहला ये कि बांग्लादेश से एक सेक्स वर्कर को जयपुर तक लाने के लिए एजेंट 25 हजार रुपए लेते हैं. दूसरा खुलासा - घुसपैठ कर भारत में दाखिल हुई बांग्लदेशी लड़कियों का फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर वोटर कार्ड आसानी से बन जाता है. एक डॉक्यूमेंट पर सिर्फ दो हजार रुपए का खर्च होता है.
महिला एजेंट एक के बाद एक खुलासा कर रही थी. वो इस बात से अनजान थी कि उसकी हर बात खुफिया कैमरे में रिकॉर्ड हो रही है. हमें लग रहा था कि ये बांग्लादेशी लड़कियों और उनसे जुड़े लोगों का आईकार्ड किसी और की मदद से बनवाती है लेकिन इस महिला एजेंट ने दावा किया कि उसका परिवार ही अवैध तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड बनाता है...और ये काम जयपुर में नहीं, बल्कि अहमदाबाद में होता है...
एजेंट- जाली आईडी हर जगह पर थोड़े ना चलता है. अभी आप एयरपोर्ट चले जाओ...बड़े बड़े जगह पर तो पकड़े ही जाओगे. मेरा तो सब कुछ है.
तीसरा शख्स- किसने बनाया था ?
एजेंट- मेरा खुद का ही बिजनेस है बनाने का.
तीसरा शख्स- बनाने का खुद का ही बिजनेस है ?
एजेंट- हां
तीसरा शख्स- तो मेरा एक आईडी बनवा दो...एक लड़की लेकर आ रहा हूं...उस के पास आईडी नही है
एजेंट - बनवा लो
तीसरा शख्स- यार, एक बंदे का बोल रहा है...1500-2000 रु. खर्च होगा
एजेंट- पैसा तो खर्च होगा ना
रिपोर्टर- 1500 रु. कौन सी बड़ी रकम है ?
तीसरा शख्स- बोल रहा है कि ₹2000 खर्च होगा
एजेंट - एक लड़की से कितना कमा लोगे ? 1500-2000 रु. खर्च नहीं करोगे तो कैसे होगा. अगर कोई जिम्मेदारी पर आईडी बनवा कर दे रहा है, अगर मैं आईडी बनाकर दे रही हूं तो मेरा भी आईडी लगेगा तब उसका आईडी बनेगा. ऐसे थोड़े ना बन जाता है. मैं उसको थोड़े ना जा कर बोलूंगी कि बांग्लादेशी है, बनवा दो.
रिपोर्टर- कितना खर्चा आ जाता है बनवाने में ?
तीसरा शख्स- खुद बनवाते हो...समझा नहीं...कौन बनाता है ?
एजेंट- मेरा देवर बनाता है.
तीसरा शख्स- मतलब...अजय का भाई...या अजय खुद बनाता है ?
एजेंट- अजय का भाई
रिपोर्टर- यहीं पर या अहमदाबाद में ?
एजेंट- अहमदाबाद में...वो तो बनवा देंगे))
हमने इस महिला एजेंट के दावों की सच्चाई की पड़ताल नहीं की है. इसलिए हम उसकी पुष्टि या खंडन नहीं कर सकते हैं. लेकिन स्टिंग ऑपरेशन के खुलासे चौंकाने वाले हैं.
जरा सोचिए कि जुर्म का ये दलदल कितना बड़ा है. सेक्स वर्कर बांग्लादेश में है...उसे गाजियाबाद भेजा जाना है. महिला एजेंट जयपुर में बैठी है...और बांग्लादेशी लड़की का आईकार्ड अहमदाबाद में बनाने की बात कही जा रही है.
अगर देश की बड़ी जांच एजेंसियां इन दावों की तहकीकात करें तो घुसपैठ, सेक्स रैकेट और मानव तस्करी के बड़े मुजरिमों पर शिकंजा कस सकता है.
बांग्लादेश से अवैध तरीके से लाई जाने वाली लड़कियों का भारत में आधार कार्ड से लेकर वोटर आईडी कार्ड तक बन जाना सीधे-सीधे भारत के सिस्टम को चुनौती है . अब हम आपको बताते हैं कि बांग्लादेश से मानव तस्करी का रैकेट और नेटवर्क काम कैसे करता है..
सबसे पहले देश के अलग-अलग हिस्सों से कोलकाता में ट्रैफिकिंग के एजेंटों को सूचना पहुंचाई जाती है.
जहां से एक पूरा सिंडिकेट, लड़कियों की सीमा पार से घुसपैठ कराने और फिर उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाने का काम करता है.
बांग्लादेश से लाई गई लड़कियों को एजेंट पश्चिम बंगाल के किसी गांव में अपने नेटवर्क से जुड़े किसी व्यक्ति के घर पर रखते हैं. वहां ग्राम पंचायत के जरिए धोखाधड़ी से उसका परिचय पत्र और एड्रेस प्रूफ बनाया जाता है.
इस तरह बांग्लादेशी लड़कियों पर भारतीय नागरिक होने की मुहर लग जाती है . फिर इसके सहारे वोटर कार्ड बनवाया जाता है. और फिर भारतीय पहचान पत्र बनाकर बांग्लादेशी महिलाओं और लड़कियों को भारत के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई कर दिया जाता है.
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