Uniform Civil Code Latest Update: भारत सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की तरफ तेजी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से देश की सियासत में हलचल होने लगी है जिसका असर अभी से देखने को मिल रहा है. कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने गुरुवार को आरोप लगाया है कि विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर उठाया गया नया कदम यह दर्शाता है कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रूप से जायज ठहराने के लिए व्याकुल है.


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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विधि आयोग को अपनी विरासत का ध्यान रखना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि देश के हित भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से अलग होते हैं. उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा ‘समान नागरिक संहिता’ (UCC) पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित विभिन्न हितधारकों के विचार आमंत्रित कर नए सिरे से परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 


रमेश ने एक बयान में कहा कि यह बात अजीबोगरीब है कि विधि आयोग नए सिरे से राय ले रहा है, जबकि उसने अपनी विज्ञप्ति में खुद स्वीकार किया है कि उससे पहले के विधि आयोग ने इस विषय पर अगस्त 2018 में परामर्श पत्र प्रकाशित किया था. उन्होंने दावा किया कि इसका कोई कारण नहीं दिया गया कि इस विषय पर अब विचार क्यों हो रहा है. 


जनता दल यूनाइटेड (JDU) के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि UCC पर सभी हितधारकों, समुदायों और विभिन्न धर्म के सदस्यों के लोगों को विश्नास में लिया जाना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को नौकरी देने के वादे और महंगाई पर रोक लगाने में नाकाम रही है, इसलिए हताशा में ऐसे कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि जब महंगाई पर काबू नहीं कर सकते, जब नौकरियां नहीं दे सकते, तो इस तरह से विभाजनकारी राजनीति से आग को भड़का रहे हैं.


(इनपुट: एजेंसी)