गुवाहाटी : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को असम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि राज्य की ‘गंभीर एवं चुनौतीपूर्ण’ स्थिति उनकी कल्पना से परे है। बाढ़ से 29 लोगों की मौत हुई है और करीब 37 लाख लोग प्रभावित हैं।


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सिंह के साथ असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और डीओएनईआर मंत्री जितेंद्र सिंह आदि थे। उन्होंने कहा कि राज्य के पास 620 करोड़ रुपये पहले से हैं और जरूरत पड़ी तो केंद्र और धनराशि मुहैया कराएगा।


उन्होंने राज्य के कुछ स्थानों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे कल्पना नहीं थी कि स्थिति इतनी गंभीर है। मैंने मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों से बात की है। समस्या एक बड़ी चुनौती है।’ सिंह ने बताया कि जिलों में बाढ़ से 29 व्यक्तियों की जान गई है और करीब 37 लाख लोग प्रभावित हैं।


उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार के पास वर्तमान में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 650 करोड़ रुपये हैं। मैंने उनसे बिना किसी संकोच के उसे खर्च करने के लिए कहा है। यदि और धनराशि की जरूरत हुई, हम हैं और हम हर संभव तरीके से मदद करेंगे।’


यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र समस्या को राष्ट्रीय आपदा घोषित करेगा, गृह मंत्री सिंह ने कहा कि समस्या को कोई नाम दे देना मदद नहीं है। सिंह ने कहा, ‘बाढ़ को एक राष्ट्रीय आपदा घोषित करना कोई हल नहीं है। हमें यह पता लगाना चाहिए कि बाढ़ क्यों आती है, हमें क्या कदम उठाने चाहिए और हम नुकसान को कैसे कम करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य सरकार से समस्या पर एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहूंगा। हमें उसका समाधान दीर्घकालिक योजना से करना चाहिए। केवल अल्पकालिक उपायों से मदद नहीं मिलेगी।’ 


सिंह ने मोरीगांव में एक राहत शिविर का दौरा किया और हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने समस्या से निपटने में राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।उन्होंने असम विधानसभा द्वारा सदन की कार्यवाही तीन दिन स्थगित करने के निर्णय की भी प्रशंसा की ताकि विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकें। उन्होंने कहा, ‘संभवत: भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है।’ सोनोवाल ने गृह मंत्री को बाढ़ की स्थिति पर एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी और केंद्र से मदद मांगी।


सिंह ने कहा, ‘मुझे रिपोर्ट मिल गई है। मैं दिल्ली पहुंचकर तुरंत की एक अंतर मंत्रालयी टीम असम भेजूंगा। तदनुसार केंद्र कार्य करेगा।’