राजस्थान के ब्यावर जिले में बाल विकास परियोजना के तहत आशा सहयोगिनी के पद पर चयनित पीड़िताएं करीब एक साल से विभाग तथा प्रशासन के चक्कर काट रही है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
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Beawar News: राजस्थान के ब्यावर जिले में बाल विकास परियोजना के तहत आशा सहयोगिनी के पद पर चयन होने के बावजूद विभाग द्वारा ज्वाइन नहीं करवाने का मामला सामने आया है.
चयनित पीड़िताएं करीब एक साल से विभाग तथा प्रशासन के चक्कर काट रही है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. परेशान पीड़िताएं गुरुवार को जिला कलेक्टर ब्यावर ऑफिस पहुंची जहां पर उन्होंने एडीएम बजरंगसिंह चौहान को एक शिकायत देते हुए अपनी पीड़ा बताई.
पीड़िताओं ने मामले के सभी दस्तावेज उन्हें पेश करते हुए उन्हें ज्वाइन करवा कर राहत देने की मांग की है. परेशान पीडि़ताओं ने जिला कलेक्टर को बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की और से 2022 में आशा सहयोगिनी के लिए की गई चयन प्रक्रिया में उनको शामिल किया गया लेकिन उन्हें आज तक ज्वाइन नहीं करवाया गया है.
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पीड़िताओं ने बताया कि वे अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर है लेकिन विभाग उन्हें चक्कर कटवा रहा है. जिला कलेक्टर को शिकायत देने वाली महिलाओं में तारामती, संपति देवी, आशा, मंजू पंवार तथा जाकिया आदि शामिल थी.
आशा सहयोगिनी संपति देवी ने बताया कि अपनी उक्त मांग को लेकर 4 सितंबर को भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था. संपति देवी ने बताया कि आज ज्ञापन देने के दौरान एडीएम चौहान ने 10 दिन बाद पुन: मिलने का समय दिया है.