गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के कद्दावर नेता हैं। जम्मू एवं कश्मीर के डोडा जिले से आने वाले आजाद ने अपनी अहम राजनीतिक जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक वहन किया है। आजाद ने अपनी सूझबूझ और अनुभव से पार्टी को कई मुश्किलों से उबारा है। केंद्र में यूपीए-2 की सरकार में आजाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे। आजाद अभी राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। आजाद 27 अक्टूबर 2005 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री थे।
आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू एवं कश्मीर का मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आजाद ने 2002 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री रहते हुए आजाद को कई बार विवादों का भी सामना करना पड़ा है।
अपने सांगठनिक कौशल के चलते आजाद रिकॉर्ड नौ बार एआईसीसी के महासचिव और पिछले 18 सालों से कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य चुने जाते रहे हैं। आजाद अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले पहले ऐसे नेता हैं जिन्हें 1980 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आजाद को पहली बार 1982 में केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान आजाद के पास संसदीय कार्य मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में आजाद को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए आजाद ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के दायरे को व्यापक जनसमुदाय तक पहुंचाने के लिए काफी काम किया। आजाद ने खासतौर से लड़कियों की शादी 25 से 30 साल के बीच करने के हिमायती रहे हैं। साथ ही इन्होंने लोगों से कहा कि वे बच्चों पैदा करने की जगह टेलीविजन देखना ज्यादा पसंद करें।
आजाद की शादी 27 मार्च 1980 को शमीम देव आजाद से हुई। शमीम प्रख्यात कश्मीरी गायिका है। आजाद के दो बच्चे हैं। आजाद के पुत्र का नाम सद्दाम नबी आजाद और पुत्री का नाम सोफिया नबी आजाद है।