जम्मू : जम्मू कश्मीर में पीडीपी. भाजपा गठबंधन सरकार के कमान संभालने के बाद पहले बड़े आतंकवादी हमले में शुक्रवार तड़के सेना की वर्दी पहने दो उग्रवादियों ने कठुआ जिले में पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया। हमले में तीन सुरक्षाकर्मी और दो नागरिक मारे गए तथा एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समेत दस अन्य घायल हो गए।


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रातभर में घुसपैठ करके आने वाले फिदायीन दस्ते के सदस्य दोनों उग्रवादियों को सुरक्षा बलों ने दोपहर तक चली मुठभेड़ में मार गिराया। मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार के एक मार्च को सत्ता संभालने के बाद से राज्य में यह पहला बड़ा आतंकवादी हमला है।


सेना की वर्दी पहने ये उग्रवादी तड़के राजबाग पुलिस स्टेशन में घुसे और हथगोले फेंकने के साथ अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) दानिश राणा ने बताया, ‘यह एक फिदायीन हमला था।’ राणा ने कहा, ‘कुल मिलाकर सात लोग मारे गए हैं। दोनों उग्रवादियों को मार गिराया गया। दो नागरिकों के अलावा , सीआरपीएफ के दो जवान, एक पुलिसकर्मी भी मुठभेड़ में शहीद हो गया। आपरेशन समाप्त हो गया।’


उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के सात जवानों, दो सैनिकों और एक घायल नागरिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में एक पुलिस उपाधीक्षक भी शामिल है। राणा ने बताया कि ऐसा लगता है कि उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला करने के लिए रात में सीमा पार से घुसपैठ की थी।


जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के राजिन्दर कुमार ने बताया कि उग्रवादी आपरेशन को अंजाम देने के लिए भारी मात्रा में ग्रेनेड, मैगजीन और पिस्तौल लेकर आए थे। राणा ने बताया कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और हथियार तथा गोला बारूद बरामद किया गया है।


सीआरपीएफ के घायल हुए कांस्टेबल भरत प्रभु ने बताया कि सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों ने जम्मू से पठानकोठ जा रही एक जीप को तलाशी लेने के बहाने रोका। इसके बाद आतंकवादियों ने जीप को अगवा कर लिया जिसमें तीन यात्री सवार थे। वे जीप से राजबाग पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने एक संतरी पर गोलियां चला दीं जिसने वहीं दम तोड़ दिया। फिर आतंकवादियों ने पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की।


सीआरपीएफ जवान ने कहा, ‘जख्मी होने से पहले हम लोगों ने एक आतंकवादी को मार गिराया।’ पुलिस थाना रणभूमि की तरह नजर आ रहा था। दीवार पर गोलियों के कारण छेद हो गए थे। हमले के कारण पुलिस थाने के आसपास रह रहे लोगों में घबराहट पैदा हो गई।


पुलिस थाने के पास रहने वाले शाम लाल ने बताया, ‘जैसे ही पुलिस थाने पर फायरिंग शुरू हुई, हमने अपनी खिड़कियां बंद कर ली और अपने परिवार को ग्राउंड फ्लोर पर रखा। हमने कई घंटे खौफ में बिताए।’ कठुआ आतंकवादी हमले के लिए राज्येतर ताकतों को दोषी ठहराते हुए मुख्यमंत्री सईद ने चेतावनी दी कि लोगों की इच्छाशक्ति को किसी भी बंदूक से कमजोर नहीं किया जा सकता।


उन्होंने कहा, ‘हमारी यह कड़ी प्रतिबद्धता है कि हम जम्मू कश्मीर का इतिहास बदलने आए हैं। हम जम्मू-कश्मीर को शांति और समरसता का केंद्र बनाना चाहते हैं। हमें कोई नहीं रोक सकता।’


अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घटनास्थल पर भेजा गया है और जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को ऐहतियातन बंद कर दिया गया है। पुलिस थाने के आसपास पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से बात की और हालात की जानकारी ली। सिंह ने गृह सचिव को स्थिति पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है।


जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस हमले का जिक्र हुआ। विपक्षी सदस्यों ने इस घटना पर सरकार से जवाब मांगा। नेशनल कांफ्रेंस के विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि ऐसे हमले रोकने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। राणा ने कहा कि सदन जानना चाहता है कि यह हमला कैसे हुआ।


हमले की निंदा करते हुए माकपा के विधायक एम वाई तरीगामी ने कहा कि सदन को ऐसे हादसों की निंदा करने में एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हमले की निंदा की।