नई दिल्ली : पुडुचेरी के राजनीतिक हालात दिल्ली जैसे होते जा रहे हैं, जी हां! जैसे दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल व पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच का विवाद किसी से छिपा नहीं हैं वैसे ही हालात पुडुचेरी में बनते जा रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गौरतलब है कि पुडुचेरी नगर निगम आयुक्त आर चंद्रशेखरन के तबादले को लेकर उपराज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के बीच बीते एक सप्ताह से विवाद जारी है.किरण बेदी पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. 


कांग्रेस शासित प्रदेश पुडुचेरी में उपराज्यपाल किरण बेदी और विधानसभा अध्यक्ष वी वैतिलिंगम के बीच क्षेत्राधिकार का विवाद बढ़ गया है. इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब सीएम वी नारायणसामी ने केंद्र से उपराज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाए जाने का अनुरोध किया. जिसके बाद किरण बेदी के सचिव को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने समन जारी किया है.


कांग्रेस के मुख्यमंत्री और किरण बेदी के बीच नए विवाद में सीएम नारायणसामी ने एलजी के खिलाफ एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए एक अखिल पार्टी की बैठक बुलाई थी. प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी को वापस बुलाए. यह देखना होगा कि सीएम नारायणसामी किरण बेदी के खिलाफ इस जंग को जीत पाते हैं या नहीं. 


केंद्र के मंत्रालयों की तर्ज पर राजनिवास ने भी दिया पहली बार काम का लेखा-जोखा


मोदी सरकार के सभी मंत्रालयों द्वारा तीन साल के कार्यकाल में किये गए कामकाज का ब्यौरा जनता के समक्ष पेश किये जाने की परिपाटी की तर्ज पर केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में भी इस तरह की पहल देखने को मिली है जहां उपराज्यपाल किरण बेदी ने अपने एक साल के कार्यकाल के कामकाज का हिसाब जनता को दिया है.


किरण बेदी की इस पहल के साथ ही किसी निर्वाचित सरकार वाले राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल द्वारा अपने कामकाज का ब्यौरा पेश करने की नयी शुरुआत पुडुचेरी के राजनिवास से हुई है. हालांकि जानकारों की राय में इस तरह की पहल किसी राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल द्वारा करने की परंपरा या परिपाटी नहीं है. 


देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बेदी को मोदी सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 22 मई 2016 को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया था. अपने कार्यकाल का पहला साल पूरा करने के बाद बेदी ने अपने कामों का लेखाजोखा जनता के बीच रखते हुए इस पर जनता से संवाद भी कायम किया और इस अनूठी पहल के माध्यम से राजनिवास के कामकाज पर जनता की राय भी ली.


बेदी ने बताया कि दो दिन के इस कार्यक्रम में पहले दिन 2 जून को राज निवास के अधिकारियों के साथ एक साल के कामकाज की समीक्षा की गई और 3 जून को अपने कामकाज पर जनता के साथ संवाद किया गया. जनता को पेश रिपोर्टकार्ड के हवाले से उन्होंने बताया कि राजनिवास के दरवाजे आम जनता के लिए खोलना रिपोर्ट कार्ड की सबसे अहम पहल रही.