नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर की सबसे ज्यादा मारामारी रही है. कई जगहों ने इन डिवाइस की कालाबाजारी की खबरें भी सामने आईं. लेकिन अब सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए इन सामानों के व्यापार मार्जिन की सीमा तय कर दी है जिससे ऑक्सीमीटर जैसे 5 जरूरी मेडिकल उपकरण बाजार में सस्ते हो जाएंगे.


सस्ती होंगी जरूरी डिवाइस


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भारत सरकार की नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथोरोटी (NPPA) ने पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मशीन, इंफ्रारेड थर्मोमीटर, ग्लूकोमीटर और नेबुलाइजर की कीमतों पर कैप लगा दिया है और अब ये सामान 70 फीसदी से ज्यादा मुनाफे पर नहीं बेंचा जा सकता है.


अब इन पांचों मेडिकल डिवाइस को डिस्ट्रीब्यूटर की कीमत से 70% से ज्यादा मुनाफे पर नहीं बेचा जा सकता है. NPPA के फैसले के बाद इन पांचों मेडिकल डिवाइस को बेचने वालों को 20 जुलाई तक नये नियम के मुताबिक एमआरपी (MRP) में बदलाव करने का आदेश दिया है.


एनपीपीए ने मंगलवार को इन सामानों के व्यापार मार्जिन पर कैप लगाने के लिए डीपीसीओ (औषधि कीमत नियंत्रण आदेश) 2013 के पैरा 19 के तहत स्पेशल पावर का इस्तेमाल किया है. आदेश में बताया गया कि एनपीपीए ने ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी जांच मशीन, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर के मामले में व्यापार मार्जिन को रेशनल बनाने के लिये यह कदम उठाया है. 


अब तक इन उपकरणों पर तीन प्रतिशत से लेकर 709 प्रतिशत तक मार्जिन लिया जाता था लेकिन नई कीमतें 20 जुलाई तक लागू हो जाएंगे. एनपीपीए ने अपने आदेश में कहा कि कोविड महामारी के दौरान चिकित्सा उपकरणों को सस्ता बनाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है.


ये है नया फॉर्मूला


MRP= Price to Distributer + 70% of Price to Distributer + GST, उदाहरण के तौर पर अगर एक ऑक्सीमेटर डिस्ट्रीब्यूटर को 500 रुपये का पड़ता है तो नए नियम के मुताबिक उसकी आधितम कीमत (MRP) 875 रुपये होगी. NPPA की ओर से इन पांचों मेडिकल उपकरणों की कीमतों पर लगाए गए कैप का फैसला 31 जनवरी 2022 तक लागू रहेगा.


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इसके अलावा 20 जुलाई तक MRP में बदलाव ना करने वाले विक्रेताओं पर ओवर चार्ज अमाउंट का 100 फीसदी जुर्माना  15 फीसदी ब्याज के साथ देना होगी.