नई दिल्ली : भारतीय तटरक्षकों ने अरब सागर में आधी रात में बीच समुद्र में की गई एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया जिसमें विस्फोटक भरा हुआ था, लेकिन नौका में विस्फोट के बाद उसमें आग लग गई और उसपर सवार चार लोग नौका के साथ ही डूब गए।


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यह घटना 31 दिसम्बर की रात पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर दूर बीच समुद्र में हुई। इसको लेकर ऐसी अटकलें लगायी गई कि यह घटना 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले जैसी ही थी लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। रक्षा मंत्रालय ने मात्र यह कहा है कि कराची के पास स्थित केटी बंदरगाह से आने वाली नौका अरब सागर में ‘कुछ नियम विरुद्ध कार्य की योजना बना रही थी।’


भारतीय तटरक्षक के महानिरीक्षक (अभियान) के.आर. नौटियाल ने कहा कि सटीक गुप्तचर सूचना के आधार पर आधी रात में संदिग्ध नौका को रोकने लिए यह कार्रवाई तटरक्षक जहाजों और विमान द्वारा की गई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारतीय तटरक्षक के साथ ही इस अभियान में शामिल जवानों की प्रशंसा की जो ‘बिना अनुमति वाली नौका’ की ‘समय पर सटीक तरीके से घेराबंदी करने के अभियान में शामिल थे जिससे एक संभावित खतरा टल गया।’


यद्यपि इस घटना की पूरी जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं है लेकिन कुछ ऐसी अटकलें हैं कि कहीं यह नौका तस्करी या मुम्बई आतंकवादी हमले जैसे किसी अभियान पर तो नहीं थी। ऐसी भी अटकल थी कि अभियान के दौरान कहीं नौका के डीजल टैंक में आग तो नहीं लग गई।


भारतीय तटरक्षक के अतिरिक्त महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने कहा, ‘हमें गुप्तचर एजेंसियों से नौका के बारे में एक जानकारी मिली और हमने उसकी घेराबंदी कर ली।’ उन्होंने और नौटियाल दोनों ने ही नौका के संभावित मिशन और इस बारे में अंदाजा लगाने से इनकार कर दिया कि क्या इसमें कोई आतंकवादी कोण है।


यद्यपि नौटियाल ने कहा कि यदि नौका ‘अवैध गतिविधि’ में लिप्त नहीं थी तो तटरक्षकों द्वारा रोके जाने पर भागने का प्रयास करने का कोई कारण नहीं था। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तटरक्षक बल के जहाज ने मछली पकड़ने वाली नौका को रूकने की चेतावनी दी ताकि उसके चालक दल एवं कार्गो की जांच की जा सके। यद्यपि नौका ने अपनी गति और बढ़ा दी और भारत की समुद्री सीमा से दूर भागने का प्रयास किया।


संदिग्ध नौका का पीछा करने का सिलसिला करीब एक घंटे तक चला और भारतीय तटरक्षक जहाज मछली पकड़ने वाली नौका को कुछ चेतावनी वाली गोलियां चलाकर रोकने में सफल रहा। बयान में कहा गया है कि नौका पर चार व्यक्तियों को देखा गया जिन्होंने तटरक्षक की रूकने और जांच में सहयोग करने की सभी चेतावनियों को नजरंदाज किया।


मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘इसके कुछ ही देर बाद नौका के चालक दल के सदस्य नीचे के डेक कंपार्टमेंट में छुप गए और नौका में आग लगा दी। इसके परिणामस्वरूप एक विस्फोट हुआ जिसके बाद नौका में भयंकर आग लग गई।’ अंधेरा, खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते नौका और उस पर सवार लोगों को न तो बचाया जा सका और न ही उनकी बरामदगी हो सकी। नौका एक जनवरी को तड़के उसी स्थिति में जलकर डूब गई।


बयान में कहा गया है कि तटरक्षक जहाज और विमान इस बात का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए हैं कि इसमें कहीं कोई जिंदा तो नहीं बच गया था। तटरक्षक और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कुछ महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्ष़ेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं।


भारतीय जल सीमा में विस्फोटकों से भरी पाकिस्तान नौका पकड़े जाने की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट-2015 से पहले किसी आतंकवादी घटना को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय तटरक्षक, सीमा सुरक्षा बल और गुजरात पुलिस ने इस घटना के बाद अरब सागर में निगरानी बढ़ी दी है।