इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पार आतंकवादी शिविरों पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले का विरोध जताने के लिए मंगलवार को कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को तलब किया. पाकिस्तानी मीडिया ने विदेश विभाग के हवाले से रपट में कहा है कि अहलूवालिया को एक विरोध पत्र भी सौंपा गया है. इसके पहले प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति एनएससी की एक विशेष बैठक हुई, जिसमें इस मामले को सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने का निर्णय लिया गया.


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पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने बालाकोट में हमले किए, लेकिन उसने कहा कि जब उसके युद्धक विमानों ने जवाबी कार्रवाई की तो भारतीय विमान वापस लौट गए और इस हमले में जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि हमले के चंद घंटों के अंदर पाकिस्तान ने माकूल जवाबी कार्रवाई की धमकी दी. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के 12 दिनों बाद भारत ने मंगलवार तड़के बालाकोट स्थित जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया. इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादी और उसके प्रशिक्षक मारे गए.


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भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था. दो मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘‘हमलों को रोकने’’ के उद्देश्य से ‘‘ऐहतियात’’ के तौर पर अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था. इसके चलते यह ‘‘आसान निशाना’’ बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया.


(इनपुट-भाषा)