Narendra Modi Government: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई एससी समुदायों की बेहतरी के लिए बड़ा कदम उठाया है. मडिगा जैसे अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जाने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. शुक्रवार को बताया गया कि समिति अनुसूचित जातियों के भीतर सबसे वंचित समुदायों को लाभों का उचित आवंटन सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी. माना जाता है कि तुलनात्मक रूप से समृद्ध और प्रभावशाली समूहों की वजह से ऐसे समुदाय पीछे छूट जाते हैं. 


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दरअसल, जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री के निर्देश पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की गई है. उन्होंने कहा कि यह उन प्रशासनिक कदमों की जांच करेगी जो अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकते हैं, जैसे कि मडिगा और अन्य ऐसे समूह. इन समूहों की शिकायत रही है कि उन्हें लाभ का उचित हिस्सा समान रूप से नहीं मिल रहा है. समिति में गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव शामिल होंगे.


समिति की पहली बैठक मंगलवार को
यह भी बताया गया कि सचिवों की समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी. सरकार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित राज्य सरकारों से अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण के लिए इस आधार पर प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं कि आरक्षण और कल्याण व विकास योजनाओं के लाभ उनके बीच समान रूप से नहीं पहुंच रहे हैं. इस मामले को विभिन्न अदालतों के समक्ष रखा गया है और वर्तमान में यह उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ के विचाराधीन है. 


अधिकारिता मंत्रालय समिति को सहायता
मालूम हो कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में पहले ही सचिवों की एक समिति का गठन किया गया है जो मडिगा और अन्य समान समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करेगी. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय समिति को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा. Agency Input