Paras Hospital of Agra UP: यूपी (UP) में आगरा (Agra) के पारस अस्पताल (Paras Hospital) पर सरकार ने मेहरबानी दिखाई है. इस अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर में मॉकड्रिल के दौरान कथित रूप से 5 मिनट तक ऑक्सीजन बंद कर दी गई थी. जिसके चलते वहां आईसीयू में भर्ती 22 मरीजों की जान चली गई थी. इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर उस पर सील लगा दी थी. 


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22 लोगों की मौत के दोषी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन बहाल


सरकार के नए निर्देशों के बाद गुरुवार को आगरा के स्वास्थ्य विभाग ने 22 लोगों की मौत के आरोपी अस्पताल (Paras Hospital) का रजिस्ट्रेशन बहाल कर उसकी सील खोल दी. जिसके बाद इस पूरे मसले पर लोगों में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोग इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए सरकार से पुर्नविचार की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो जाएंगे.


पिछले साल 26 अप्रैल को आगरा में हुई थी घटना


बताते चलें कि पारस अस्पताल में 22 लोगों की जान जाने की यह घटना पिछले साल 26 अप्रैल को हुई थी. इस घटना के करीब 2 महीने बाद 7 जून 2021 को अस्पताल (Paras Hospital) के मालिक का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह बता रहा था कि पिछले साल अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी. इस कमी से पारस अस्पताल भी जूझ रहा था.


मॉकड्रिल के दौरान बंद कर दी थी ऑक्सीजन


ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत कम करने के लिए 5 मिनट की मॉक ड्रिल करने का फैसला किया गया. इस मॉक ड्रिल में 5 मिनट तक ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई बंद करके देखा गया कि मरीजों पर क्या असर होता है. आरोप है कि इस मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल की आईसीयू में कोरोना के गंभीर 22 मरीजों की जान चली गई. यह वीडियो सामने आने के बाद यूपी समेत पूरे देश में हंगामा मच गया था. जिसके बाद आगरा प्रशासन ने 8 जून 2021 को पारस अस्पताल (Paras Hospital) का रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए उस पर सील लगा दी थी. 


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