49 MPs Suspended from Parliament: संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्ष केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़ा है. इसको लेकर विपक्षी सांसद लोकसभा और राज्यसभा में लगातार हंगामा कर रहे हैं. लोकसभा में हंगामे को लेकर आज फिर कई सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है. लोकसभा से आज 49 सांसदों को निलंबित किया गया है. इससे पहले 18 दिसंबर को 78 सांसदों को और 14 दिसंबर को 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया. कुल मिलाकर अब तक 141 सांसदों पर गाज गिरी है. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि संसद के अंदर अराजकता हो रही है. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान तंज कसा था और कहा था कि विपक्ष हमेशा के लिए विपक्ष में बैठने का मन बना लिया है.


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इन सांसदों पर आज गिरी गाज


कांग्रेस सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, सपा सांसद डिंपल यादव और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले को सस्पेंड किया गया है. इसके अलावा सस्पेंड किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, बीएसपी (निष्कासित) दानिश अली, सपा सांसद एसटी हसन, टीएमसी सांसद माला रॉय, सपा सांसद डिंपल यादव और आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, राजीव रंजन, रवनीत बिट्टू, दिनेश यादव, प्रतिभा सिंह, संतोष कुमार भी शामिल हैं.


सांसदों पर क्यों की गई कार्रवाई?


सुबह 11 बजे जब सदन का कार्यवाही शुरू हुई और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी, विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सांसद तो हाथों में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए. इसमं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे. इस दौरान ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीट बैठने और कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील की, लेकिन वो नहीं माने. इसके बाद उन्होंने सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद 49 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया.


विपक्षी सांसदों पर पीएम मोदी का तंज


बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी कहा, 'जिन्होंने संसद की सुरक्षा में सेंधमारी की, कुछ दल एक तरह से उनके समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. यह सेंधमारी की ही तरह खतरनाक है. लोकसभा में घटना घटी और विपक्ष के सांसदों का जो व्यवहार रहा, ऐसा लगता है कि परोक्ष रूप से जिन लोगों ने सुरक्षा में सेंध मारी की, उन्हें उनका यानी विपक्ष का समर्थन है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हम जब 2014 में सत्ता में आए थे, तब आज के 18 साल का मतदाता, उस समय 8 साल के थे. उन्होंने घोटालों का वह युग नहीं देखा. वे विकास का युग देख रहे हैं. उन्हें इस बारे में जागरुक करने की जरूरत है. लगता है विपक्ष ने विपक्ष में ही बने रहने का मन बना लिया है. विकसित भारत यात्रा में भागीदारी करिए. जिस तरह से विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है, विपक्ष तो 2024 में भी बाहर रहने वाला है. कुछ लोगों की किस्मत में ही अच्छा और सकारात्मक काम करना नहीं लिखा होता है. कुछ बुजुर्ग बीमार नेता भी बीजेपी को हटाने के नाम पर सक्रिय हो गए.'