Sadguru Jaggi Vasudev: सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने संसद की लगातार बाधित हो रही कार्यवाही पर गहरी निराशा व्यक्त की है. गुरुवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारतीय संसद में व्यवधान देखना दुखद है, खासकर तब जब भारत दुनिया में लोकतंत्र का प्रतीक बनने का सपना देख रहा है. सद्गुरु ने लिखा, "भारत के धन सृजनकर्ताओं और नौकरी प्रदाताओं को राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए. अगर विसंगतियां हैं तो उन्हें कानून के तहत सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए."


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चर्चा नहीं हो पा रही है..
सद्गुरु ने भारतीय व्यवसायों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "व्यवसायों के विकास से ही भारत अपने गौरवशाली भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकता है." उन्होंने यह भी कहा कि संसद में लगातार हंगामे के कारण महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है. सद्गुरु के इस बयान ने देश में राजनीति और लोकतंत्र की स्थिति पर एक नई बहस को जन्म दिया है.


 विपक्ष सदन चलने नहीं दे रहा..?
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में जारी हंगामे ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा को रोक दिया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर संसद ठप करने का आरोप लगा रहे हैं. जहां सत्तापक्ष का कहना है कि विपक्ष सदन चलने नहीं दे रहा है, वहीं विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष खुद हंगामा कर कार्यवाही बाधित कर रहा है. यह गतिरोध संसद की कार्यवाही को लगातार प्रभावित कर रहा है.


इस संदर्भ में टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "यह पहली बार हो रहा है कि सत्तारूढ़ दल ही सदन को चलने नहीं दे रहा है." सुष्मिता ने संसदीय कार्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सदन की गरिमा को नहीं मानते और पार्टी के नेताओं को सदन बाधित करने के लिए प्रेरित करते हैं. यह स्थिति भारतीय लोकतंत्र और संसद की साख के लिए चिंता का विषय है.  पीटीआई इनपुट