Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी सागर शर्मा की डायरी मिल गई है. जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं. सागर की डायरी में ये भी लिखा कि उसने घर छोड़ने से पहले क्या लिखा था, उसके क्या इरादे थे. सागर ने अपनी डायरी में लिखा था कि घर से विदा लेने का वक्त नजदीक आ गया है. कुछ कर गुजरने की आग दहक रही है. 5 साल मैंने इंतजार किया है. अब कर्तव्य की ओर बढूंगा. सागर शर्मा वही है जो बीते 13 दिसंबर को विजिटर गैलरी से लोकसभा में सांसदों के बैठने की जगह पर कूद गया था. आइए पढ़ते हैं कि सागर ने अपनी डायरी में क्या-क्या लिखा था.


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'घर से विदा लेने का समय आ गया है'


6 फरवरी 2021 को सागर ने अपनी डायरी में लिखा कि घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है. एक तरफ डर भी है और दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग भी दहक रही है. काश मैं अपनी स्थिति माता-पिता को समझा सकता. मगर ऐसा नहीं है कि मेरे लिए संघर्ष की राह चुनना आसान रहा. हर पल उम्मीद लगाए 5 साल मैंने प्रतीक्षा की है कि एक दिन आएगा, जब मैं अपने कर्तव्य की ओर बढ़ूंगा. दुनिया में ताकतवर व्यक्ति वो नहीं जो छीनना जानते हैं. ताकतवर व्यक्ति वो है जो हर सुख त्यागने की क्षमता रखता रखते हैं.


सागर का इंस्टाग्राम पोस्ट भी वायरल


सागर की डायरी से उसके क्रांतिकारी इरादे झलके हैं. इसी तरह, संसद के सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले का सागर का इंस्टाग्राम पोस्ट भी वायरल है. उसमें सागर ने लिखा था कि जीते या हारे पर कोशिश तो जरूरी है. अब देखना ये है सफर कितना हसीन होगा. उम्मीद है फिर मिलेंगे.


सुरक्षा में सेंध से जुड़ा पूरा सच!


जैसे-जैसे संसद में सुरक्षा सेंध कांड की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें बहुत बड़ी साजिश की बात सच होती दिख रही है. ये मामला सिर्फ लोकसभा में गैलरी से कूदकर स्मोक क्रैकर जलाने तक सीमित नहीं है. ये पूरी घटना एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी. इस बात की धीरे-धीरे पुष्टि होने लगी है. आरोपी ललित झा की गिरफ्तारी ने इसको और मजबूती दी है. ललित झा जो कि घटना के बाद से ही फरार था. आखिरकार कल पुलिस की गिरफ्त में आया, जब वो खुद सरेंडर करने दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने पर पहुंचा था.


संसद की सुरक्षा में सेंध का मास्टरमाइंड कौन?


बता दें कि ललित झा वही शख्स है जो कि घटना के बाद चारों आरोपियों के मोबाइल फोन लेकर फरार हो गया था. सरेंडर करने के बाद ललित से पुलिस ने पूछताछ की गई जिसमें उसने खुलासा किया कि उसने सभी फोन जला दिए. ललित के साथ इस पूरे मामले में एक और शख्स शामिल था, जिसका नाम महेश है. ललित घटना के बाद राजस्थान के नागौर गया है. जहां महेश के साथ मिलकर उसने बाकी आरोपियों के मोबाइल फोन जला दिए.


मोबाइल में मौजूद सबूत नष्ट करने की कोशिश


ललित झा ने संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे नीलम और अमोल की वीडियो बनाई थी और बाद में अपने साथियों को इस वीडियो को संभाल कर रखने को भी कहा था. इस पूरे मामले का सच जानने के लिहाज से चारों आरोपियों के मोबाइल फोन बेहद अहम थे. जिसको जलाकर ललित और महेश दोनों ही कोई बहुत बड़ा सच छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. ये सवाल अब खड़ा हो गया है.


संसद में बवाल का मकसद क्या है?


आरोपी किससे बात करते थे, उनका असल मकसद क्या था और कितने समय से सभी लोग आपस में जुड़े थे. इन सभी सवालों का जवाब उन मोबाइल में हो सकते थे. जो जला दिए गए. जिस तरीके से इस पूरे घटना को अंजाम दिया गया, आशंका जताई जा रही है कि इसकी प्लानिंग लंबे समय से की गई थी. पुलिस अब सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और उम्मीद कर रही है कि कारणों की तह तक पहुंचा जा सकेगा.