Parliament Security Breach Update: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के कर्मियों ने कथित तौर पर फर्जी आधार कार्ड (UIDAI) का उपयोग करके उच्च सुरक्षा वाले संसद परिसर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे तीन मजदूरों को धर दबोचा. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने कासिम, मोनिस और शोएब नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उन पर जालसाजी और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इस तरह माना जा रहा है कि एक बड़ी अनहोनी को घटने के पहले हमारे जवानों ने अपनी सतर्कता से रोक लिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टल गया बड़ा खतरा


सूत्रों के मुताबिक तीनों संदिग्धों को संसद भवन के एक प्रवेश द्वार पर सुरक्षा और उनके आइडेंडिटी कार्ड की जांच के दौरान CISF के कर्मियों ने हिरासत में लिया. तीनों अपने आधार कार्ड दिखाकर संसद भवन परिसर में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे. CISF के कर्मियों को उन सभी के आधार कार्ड पर शक हुआ तो फौरन टेक्निकल जांच हुई तो वे दस्तावेज फर्जी पाए गए. सीआईएसएफ को सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियों की जगह हाल में संसद भवन की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है.


‘डीवी प्रोजेक्ट्स लिमिटिड’ को मिला था कांट्रैक्ट


अधिकारियों ने बताया कि तीनों व्यक्तियों को ‘डीवी प्रोजेक्ट्स लिमिटिड’ ने संसद भवन परिसर के अंदर एमपी लॉन्ज के निर्माण के लिए काम पर रखा था. 


इससे पहले भी कई बार देश की संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश हो चुकी है. अभी 6 जून को ही दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना में कथित संलिप्तता के लिए छह लोगों पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी.


संसद पर 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी के दिन पिछले साल 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त हुई थी, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गये थे और उन्होंने ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था.


इस मामले में छह लोगों- मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया गया था.


अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था.


राजनिवास के अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत आवश्यक मंजूरी के लिए अनुरोध किया था और इस वर्ष 30 मई को समीक्षा समिति ने भी जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किये गये संपूर्ण साक्ष्यों की पड़ताल की थी और मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई थी. प्रथमदृष्टया आरोपियों के विरुद्ध यूएपीए के तहत मामला बनता है.’ दिल्ली पुलिस ने लोकसभा के एक सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)