नाक-मुंह से बह रहा था खून, मरते दम तक मिन्नतें करता रहा मरीज, UP के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं मिला वेंटिलेटर
KGMU Lucknow: देशभर में आए रोज स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाली घटनाएं सामने आती रहती हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के सबसे अस्पताल KGMU लखनऊ का मार्मिक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक मरीज डॉक्टरों से भीख मांगता दिखाई दे रहा है लेकिन कोई भी उसकी नहीं सुन रहा है.
KGMU Lucknow: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक मरीज इलाज के लिए डाक्टरों से वेंटिलेटर की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी किसी ने न सुनी और नतीजा ये रहा कि वेंटिलेटर के अभाव में मरीज की मौत हो गई. सोचिए ये लखनऊ का ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां वेंटिलेटर ना मिलने से मरीज ने सबके दम तोड़ दिया. अब ये वीडियो वायरल होने के बाद यूपी सरकार एक्शन मोड में है. हो सकता है जांच के बाद मुजरिमों को सजा भी मिले लेकिन इतने बड़े अस्पताल के अंदर वेंटिलेटर के लिए मरीज की मौत कई सवाल खड़े करती है और ये एक मरीज की मौत नहीं है बल्कि सिस्टम की मौत है.
दूसरे अस्पताल में किया गया शिफ्ट
मृतक के परिजनों ने इस सिलसिले में लखनऊ के वजीरगंज थाने में शिकायत देकर केजीएमयू के डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की.वजीरगंज थाने के एसएचओ दिनेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि शिकायत मिली है हालांकि अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है. अधिकारी ने इससे ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. वहीं केजीएमयू प्रशासन ने मंगलवार को दावा किया कि मरीज को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ और दिखाई दे रहा है. जिसमें मरीज तड़पता हुआ डॉक्टरों के सामने हाथ जोड़ रहा है. डॉक्टरों ने सफाई में कहा कि वेंटीलेटर के अभाव में उन्हें दूसरे संस्थान में एंबुलेंस से शिफ्ट भी किया गया.
मुंह-नाक से निकलता रहा खून
परिजनों के मुताबिक दुबग्गा थाना इलाके के रहने वाले अबरार अहमद (60) की 2018 में एंजियोप्लास्टी हुई थी. परिजनों ने बताया कि रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर अबरार अहमद को केजीएमयू के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत देखने के बाद फौरन वेंटिलेटर की जरूरत बताई लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं होने की वजह से उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा गया. मृतक अबरार के बेटे सैफ ने आरोप लगाया है कि उसके पिता हाथ जोड़कर डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्हें वेंटीलेटर नहीं मिला. सैफ ने दावा किया कि अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में उसके पिता को कथित रूप से तीन चार इंजेक्शन लगाए गये, जिसके बाद उनकी नाक और मुंह से खून आने लगा. उसने आगे बताया कि उसके पिता को राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थानांतरित कर दिया गया और रास्ते में उनकी मौत हो गयी.
KGMU ने क्या कहा?
वहीं केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गयी. उन्होंने लिखित बयान में बताया कि अस्पताल लाये गये 60 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को दिल की गंभीर बीमारी थी. सिंह ने बयान में बताया कि मरीज में वर्ष 2018 में गंभीर दिल की बीमारी की तस्दीक हुई थी और उसके बाद मरीज ने एंजियोप्लास्टी कराई थी. बयान के अनुसार एंजियोप्लास्टी के बाद डॉक्टर ने समय-समय पर जांच के लिए बुलाया था लेकिन मरीज नहीं आया. सिंह ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर मरीज को दिल की धड़कन रुकने की गंभीर अवस्था में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे फौरन भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा.
उन्होंने बताया कि मरीज की हालत गंभीर थी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई और बदकिस्मती से सभी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड भरे हुए थे. बयान के मुताबिक मरीज को फौरन संजय गांधी पीजीआई व डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने की सलाह दी गई और मरीज को दूसरे संस्थान ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया कराई गई लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद बदकिस्मती से मरीज को बचाया नहीं जा सका.
(इनपुट-भाषा)